द एलिफेंट व्हिस्पर्स ने शॉर्ट फिल्म डॉक्यूमेंट्री कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड अपने नाम किया है, इस फिल्म ने पूरे विश्व में देश का गौरव बढ़ाया है। यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक मौका है। ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री है. इस कैटेगरी की फिल्में बनाने के लिए लोगों की असल जिंदगी को फॉलो किया जाता है. फिल्म के ऑस्कर अवॉर्ड की जीत पर निर्माता गुनीत मोंगा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर पुरस्कार के साथ तस्वीर साझा की है। और साथ ही गुनीत मोंगा ने लिखा-रात ऐतिहासिक है क्योंकि यह भारतीय प्रोडक्शन के लिए अब तक का पहला ऑस्कर है। थैंक यू मॉम डैड गुरुजी शुकराना मेरे को-प्रोड्यूसर अचिन जैन, टीम सिख्या, नेटफ्लिक्स, आलोक, सराफीना, WME बैश संजना। मेरे प्यारे पति सनी। तीन महीने की सालगिरह मुबारक हो बेबी! इस कहानी को लाने और बुनने के लिए कार्तिकी और देखने वाली सभी महिलाओं को..भविष्य ओडेशियस है और भविष्य यहां है, लेट्स गो,जय हिन्द।
क्या है इसकी कहानी
‘द एलीफैंट विस्परर्स’ की कहानी एक आदिवासी जोड़े बोमन और बेली के बारे में है. बोमन और बेली मधुमलाई टाइगर रिज़र्व में रहने वाले हाथी के एक अनाथ बच्चे को गोद ले लेते हैं. वो उसका नाम रखते हैं, रघु और पाल-पोसकर उसे बड़ा करते हैं. वो हाथी कैसे उन दोनों की ज़िंदगी बदल देता है, ‘द एलीफैंट विस्परर्स’ की कहानी ने देश लका गौरव बढ़ा दिया है.
किस तरीके से यहाँ डॉक्यूमेंट्री शूट की गई
बोमन ने बताया कि शूटिंग के दौरान फिल्म के सेट जैसा कुछ नहीं था. परन्तु हर रोज पांच लोग आते थे, और मेरे काम को शूट करते थे और चले जाते थे. इसके बाद वो फिर वापस आते थे. शूट करते और चले जाते थे. बोमन के मुताबिक इस डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग बड़ी है सरल तरीके से की गई है.