Chirag Paswan : बिहार में चिराग की रैली से बदलेगा समीकरण ? 3 बड़े फैक्टर पर नजर

Chirag Paswan : बिहार की राजनीति में आज एक नया दौर शुरू हो रहा है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान आरा के रामना मैदान में नव संकल्प सभा को संबोधित करेंगे। यह रैली चिराग की राजनीतिक सोच को दिखाती है। साथ ही यह एनडीए की चुनावी तैयारी और विपक्ष की मुश्किलों को भी जाहिर करती है।

अब चिराग पासवान की नजर 2025 के विधानसभा चुनाव पर है और वह शाहाबाद इलाके की किसी आम सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह कदम उन्हें सिर्फ दलित नेता की छवि से बाहर लाकर सबको साथ लेकर चलने वाले नेता के रूप में दिखाने की योजना का हिस्सा है।

Chirag Paswan अपनी रैली के ज़रिए एनडीए की एकता का संदेश भी देंगे। हाल ही में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के नियमों को मानेगी और सीटों के बंटवारे में बीजेपी और जेडीयू के साथ तालमेल बनाए रखेगी। राजनीति के जानकारों का मानना है कि इस रैली से चिराग शाहाबाद क्षेत्र के सात जिलों के एनडीए कार्यकर्ताओं को एकजुट करेंगे। इससे एनडीए को इस क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा। बता दें कि 2020 में गठबंधन को यहां 22 में से सिर्फ 2 सीटें मिली थीं।

बीजेपी और जेडीयू के बीच तालमेल बनाने की चिराग की यह कोशिश

चिराग पासवान की साफ छवि, सभी वर्गों में लोकप्रियता और युवा अपील एनडीए को फायदा पहुंचा सकती है। उनकी रैली से नीतीश और बीजेपी के बीच संतुलन बनाने और भविष्य की सीएम महत्वाकांक्षा झलकती है।

महागठबंधन को बिहार में कड़ी टक्कर

चिराग पासवान की रैली महागठबंधन के लिए मुश्किल बन सकती है। उनका दलित वोट खासकर पासवान समाज पर असर है। 2020 में महागठबंधन ने 110 सीटें जीती थीं, लेकिन कांग्रेस की कमजोरी नुकसान पहुंचा गई। अब चिराग की सक्रियता एनडीए को ओबीसी-दलित वोटों में फायदा दिला सकती है।