मेघालय के शिलांग से उठी इस हाई-प्रोफाइल मर्डर मिस्ट्री ने मध्यप्रदेश के इंदौर तक पुलिस को खींच लाया। ईस्ट खासी हिल्स पुलिस ने बेहद गोपनीय तरीके से इंदौर पहुंचकर राजा रघुवंशी की हत्या में शामिल संदिग्धों को पकड़ा। रविवार देर रात शिलांग पुलिस इंदौर पहुंची, जहां स्थानीय पुलिस की मदद से लक्ष्मणपुरा (नंदबाग) से राज कुशवाह और विशाल उर्फ विक्की ठाकुर को हिरासत में लिया गया। इस कार्रवाई की जानकारी खुद मेघालय की डीजीपी आई. नोंग्रांग और एमपी के डीजीपी कैलाश मकवाणा के स्तर तक साझा की गई थी।
डीसीपी के बंगले में हुई पूछताछ, उगले राज
पूरे मामले को बेहद गोपनीय रखते हुए आरोपितों से पूछताछ किसी थाने में नहीं बल्कि डीसीपी राजेश त्रिपाठी के सरकारी बंगले में की गई। देर रात अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमित सिंह भी बाइक से वहां पहुंचे और आरोपितों से सख्ती से पूछताछ की गई। पूछताछ में राज ने सोनम से प्रेम संबंध स्वीकार किए, लेकिन राजा की हत्या से इंकार किया। जब दोनों के अलग-अलग बयान लिए गए तो उनमें विरोधाभास साफ नजर आया।
वीडियो कॉल पर टूटी सोनम, कबूल किया अपराध
इसी बीच खबर मिली कि गाजीपुर के नंदगंज इलाके में सोनम एक ढाबे पर मिली है, लेकिन वह मानसिक रूप से बयान देने की स्थिति में नहीं थी। जब वीडियो कॉल के जरिए सोनम का सामना राज से करवाया गया, तो शुरुआत में वह सवालों से बचती रही। पर जैसे ही कैमरा राज की तरफ घुमाया गया और बताया गया कि उसने सब उगल दिया है, सोनम टूट गई। उसने फोन पर ही राजा की हत्या में शामिल होने की बात कबूल कर ली।
तुरंत गिरफ्तारी और ट्रांजिट रिमांड की कार्यवाही
सोनम की स्वीकारोक्ति के बाद शिलांग पुलिस ने गाजीपुर पुलिस को तत्काल हिरासत में लेने को कहा। सोनम को सीजेएम के बंगले में पेश किया गया, जहां से उसे सात दिन की ट्रांजिट रिमांड पर सौंपा गया। आरोपितों के घरों की तलाशी में खून से सने कपड़े भी बरामद किए गए। जिला अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद शाम को पूरी टीम आरोपितों को लेकर शिलांग रवाना हो गई।
राजा की मां उमा ने बताया कि सगाई के बाद सोनम का व्यवहार बदलने लगा था। वह राजा से दूरी बनाने लगी थी। राजा ने खुद बताया था कि सोनम अब शादी में रुचि नहीं दिखा रही। कॉल डिटेल्स से यह भी सामने आया कि सोनम अब राजा से कम और राज से घंटों बात करती थी। शक गहराता गया और आखिरकार यह सामने आया कि हत्या के पीछे प्रेम त्रिकोण का गहरा रहस्य छिपा था।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि राजा की हत्या के बाद भी राज पूरी योजना के तहत व्यवहार करता रहा। वह राजा की अंतिम यात्रा में भी शामिल हुआ, घर वालों से मिला, और शोक जताता नजर आया। यहां तक कि सोनम के पिता को ढाढ़स भी देता रहा। यह दिखाता है कि हत्या के बाद आरोपित कितनी सफाई से सब कुछ सामान्य दिखाने की कोशिश कर रहे थे।