Starlink: 33,000 रुपये प्रति डिवाइस और 3,000 रुपये महीने का पोस्ट ट्रायल, स्टारलिंक का भारत में घुसने का प्लान

Starlink : एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक अगले दो महीनों में भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार है। पिछले सप्ताह ऑपरेटिंग लाइसेंस प्राप्त करने के बाद, कंपनी ने भारतीय बाजार के लिए अपनी मूल्य निर्धारण रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टारलिंक की सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहकों को एक सैटेलाइट डिश खरीदनी होगी, जिसकी अनुमानित कीमत 33,000 रुपये है। इसके साथ ही, असीमित डेटा के लिए मासिक सदस्यता शुल्क 3,000 रुपये निर्धारित किया गया है।

Starlink की मुफ्त ट्रायल के साथ शुरुआत

स्टारलिंक अपनी लॉन्च रणनीति के तहत हर डिवाइस खरीद पर एक महीने का मुफ्त ट्रायल प्रदान करेगी। यह पहल ग्राहकों को सेवा का अनुभव लेने का अवसर देगी, जिससे वे नियमित सदस्यता शुल्क शुरू करने से पहले इसके लाभों को समझ सकें। यह रणनीति कंपनी के वैश्विक मॉडल के अनुरूप है, जो विशेष रूप से उन क्षेत्रों में नए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित करने पर केंद्रित है जहां सैटेलाइट इंटरनेट एक नई अवधारणा है।

ग्रामीण भारत के लिए क्रांतिकारी कदम

Starlink की भारत में एंट्री डिजिटल कनेक्टिविटी के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है, खासकर ग्रामीण और भौगोलिक रूप से दुर्गम क्षेत्रों में। इन क्षेत्रों में फाइबर-ऑप्टिक या मोबाइल-आधारित इंटरनेट सेवाएं या तो अविश्वसनीय हैं या उपलब्ध ही नहीं हैं। स्टारलिंक अपनी लो अर्थ ऑर्बिट (एलईओ) सैटेलाइट्स के जरिए तेज और स्थिर इंटरनेट प्रदान करने का वादा करता है। कंपनी वर्तमान में 25 से 220 एमबीपीएस की हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान कर रही है, और कई उपयोगकर्ताओं को 100 एमबीपीएस से अधिक की गति मिल रही है। न्यूनतम लेटेंसी के साथ यह सेवा उन क्षेत्रों के लिए आदर्श है जहां बुनियादी ढांचा सीमित है।

Starlink का क्षेत्रीय मूल्य निर्धारण में एकरूपता

भारत में स्टारलिंक का मूल्य निर्धारण मॉडल पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश और भूटान के समान है, जहां सैटेलाइट डिश की कीमत भी 33,000 रुपये रखी गई है। यह क्षेत्रीय स्तर पर मूल्य निर्धारण में एकरूपता को दर्शाता है। कंपनी की यह रणनीति भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धी और सुलभ सेवा प्रदान करने की दिशा में एक कदम है।

भारत में अपनी सेवाओं को सुचारु रूप से शुरू करने के लिए स्टारलिंक ने रिलायंस जियो और भारती एयरटेल जैसे दूरसंचार दिग्गजों के साथ समझौते किए हैं। ये साझेदारियां मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करने और नियामक प्रक्रियाओं को आसान बनाने में मदद करेंगी। यह कदम स्टारलिंक की भारत में तेजी से विस्तार करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

वर्तमान में स्टारलिंक 100 से अधिक देशों में अपनी सेवाएं दे रही है और विभिन्न क्षेत्रों और उपयोग के आधार पर आवासीय योजनाएं प्रदान कर रही है। भारत जैसे विशाल और विविध बाजार में इसकी एंट्री न केवल डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, व्यवसाय और संचार के लिए नए अवसर भी खोलेगी।