Sitaare Zameen Par: आमिर खान की आगामी फिल्म ‘सितारे ज़मीन पर’ 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है। यह फिल्म 2007 की उनकी ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘तारे ज़मीन पर’ की आध्यात्मिक सीक्वल मानी जा रही है। रिलीज से पहले ही इस फिल्म ने दर्शकों और समीक्षकों के बीच उत्साह पैदा कर दिया है। हाल ही में, प्रख्यात लेखिका और समाजसेवी सुधा मूर्ति ने फिल्म की एक विशेष स्क्रीनिंग में इसे देखा और इसका पहला रिव्यू साझा किया। उन्होंने फिल्म को “आंखें खोल देने वाली” और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देने वाली बताया। आइए, जानते हैं कि सुधा मूर्ति ने इस फिल्म के बारे में क्या कहा और यह फिल्म दर्शकों के लिए क्या खास लाने वाली है।
सुधा मूर्ति का रिव्यू: एक प्रेरणादायक कहानी
आमिर खान प्रोडक्शन्स द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में सुधा मूर्ति ने ‘Sitaare Zameen Par’ की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “यह फिल्म एक आंखें खोल देने वाली कहानी है। बहुत से लोग उन बच्चों को समझ नहीं पाते जिन्हें हम ‘सामान्य नहीं’ कहते हैं। लेकिन यह फिल्म इतनी खूबसूरत है कि यह दर्शाती है कि ऐसे लोग बेहद संवेदनशील और शुद्ध हृदय वाले होते हैं। वे हमेशा मुस्कुराते हैं क्योंकि उनकी जिंदगी के प्रति दृष्टिकोण बहुत सरल होता है।”
सुधा मूर्ति ने फिल्म के दार्शनिक पक्ष को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “इस फिल्म से हमें बहुत गहरे और दार्शनिक सबक मिलते हैं। यह फिल्म उन लोगों को शामिल करती है जिन्हें समाज अक्सर हाशिए पर रख देता है। यह हमें सिखाती है कि हमें उन्हें सामान्य जीवन में शामिल करना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए। यह फिल्म समाज में बहुत सारे बदलाव ला सकती है।”
उन्होंने Sitaare Zameen Par फिल्म को एक सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बताते हुए कहा कि यह बौद्धिक अक्षमताओं के मुद्दे पर लोगों को संवेदनशील बनाने में मदद करेगी। सुधा मूर्ति की यह समीक्षा फिल्म के प्रति उत्साह को और बढ़ा रही है, क्योंकि उनकी सादगी और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी गहरी समझ उनकी बातों को और विश्वसनीय बनाती है।