Myanmar में ड्रैगन को बड़ा झटका, विद्रोही गुटों ने उड़ाया कोरोड़ों का चीनी फाइटर जेट

Myanmar: म्यांमार में सेना और विद्रोही गुटों के बीच जारी संघर्ष ने एक नया मोड़ ले लिया है. इस बार म्यांमार की सेना द्वारा उपयोग किए जा रहे एक चीनी लड़ाकू विमान को विद्रोही गुटों ने निशाना बनाकर गिरा दिया है. यह घटना चीन के लिए न केवल सैन्य, बल्कि कूटनीतिक रूप से भी बड़ा झटका मानी जा रही है.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 जून को म्यांमार के सागाइंग क्षेत्र के पाले टाउनशिप में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के लड़ाकों ने म्यांमार सेना के एक चीनी मूल के फाइटर जेट को मार गिराया. यह लड़ाकू विमान उस समय हवाई बमबारी कर रहा था, जब PLA ने कान दौक पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने के लिए अभियान शुरू किया था. विमान की कीमत लगभग 72 करोड़ रुपये आंकी गई है.

मशीन गन से हुआ हमला

सबसे चौंकाने वाला दावा यह है कि फाइटर जेट को किसी उन्नत (Myanmar) मिसाइल या एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम से नहीं, बल्कि .50 कैलिबर की M2 ब्राउनिंग मशीन गन से गिराया गया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हमला विमान की निचली उड़ान के दौरान हुआ, जब वह बमबारी में व्यस्त था. हालांकि, इस दावे की अब तक न तो म्यांमार सेना और न ही PLA ने आधिकारिक पुष्टि की है.

चीन की चुप्पी और सवालों के घेरे में हथियार

इस घटना पर अब तक न तो चीन और न ही म्यांमार की सेना ने कोई प्रतिक्रिया दी है. लेकिन यदि PLA का दावा सही है, तो यह चीन के लिए बड़ा धक्का है. क्योंकि PLA जैसे समूह, जिनके पास अत्याधुनिक हथियार नहीं हैं, केवल गुरिल्ला रणनीति और सीमित संसाधनों के दम पर चीन निर्मित फाइटर जेट को गिराने में सफल हो रहे हैं.

चीन ने 2023 में म्यांमार को करीब 1 अरब डॉलर मूल्य के हथियारों की आपूर्ति की थी. इसके अलावा वह पाकिस्तान सहित कई देशों को भी हथियार बेचता है. ऐसे में इस तरह की घटनाएं चीन के हथियारों की गुणवत्ता और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रही हैं.

क्या म्यांमार में चीन का प्रभाव घट रहा है?

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने पहले भी पीएलए को म्यांमार सेना से कब्जाई गई जमीन छोड़ने के लिए कहा था, जिस पर अमल किया गया. लेकिन अब जिस तरह PLA ने सीधे चीन के हथियार से लैस म्यांमार सेना को चुनौती दी है, उससे यह संकेत मिल रहे हैं कि क्षेत्र में चीन की पकड़ ढीली पड़ रही है.