मांझी-चिराग : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच एनडीए में अंदरूनी खींचतान सतह पर आ गई है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अध्यक्ष चिराग पासवान की आरा में हुई रैली को लेकर तंज कसा। उन्होंने कहा, “जो मजबूत होता है, वह बोलता नहीं।” उन्होंने चिराग की रैली को “मैनेज्ड भीड़” करार दिया। मांझी ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव में वादा तीन सीटों का था, लेकिन केवल एक सीट मिली, फिर भी उन्होंने चुप्पी साधी।
अरुण भारती ने सोशल मीडिया के जरिये किया पलटवार
मांझी के इस बयान पर चिराग पासवान के करीबी और जमुई से सांसद अरुण भारती ने सोशल मीडिया के जरिये पलटवार किया। उन्होंने लिखा, “अगर चिराग जी की रैली से कुछ वरिष्ठ असहज हैं तो हम उसे भी आशीर्वाद मानते हैं।” उन्होंने रामायण की चौपाई ‘जाकी रही भावना जैसी…’ का हवाला देकर मांझी पर कटाक्ष किया।
सहयोगी दलों को एकजुट रहने की चेतावनी
इस बयानबाजी के बीच रालोमो प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी सहयोगी दलों को एकजुट रहने की चेतावनी दी है। मांझी की नाराजगी और चिराग की आक्रामक रणनीति यह संकेत देती है कि एनडीए भीतर से एकजुट नहीं है। चिराग ने हाल ही में सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कहकर बीजेपी और जेडीयू पर दबाव बनाया था।
सूत्रों के अनुसार, LJP (रामविलास) को 25-28 सीटें और HAM को 7-10 सीटें दी जा सकती हैं, लेकिन दोनों दल इससे संतुष्ट नहीं हैं। मांझी-चिराग विवाद ने साफ कर दिया है कि सीट बंटवारे और नेतृत्व को लेकर एनडीए में मतभेद गहराते जा रहे हैं। यह अंदरूनी कलह विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन के लिए बड़ी चुनौती बन सकती है।