बिहार चुनाव से पहले गरमाई सियासत, पीके ने लालू पर साधा निशाना, एनडीए ने लपका मुद्दा

बिहार चुनाव : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला है। सारण में 10 जून को एक जनसभा के दौरान पीके ने लालू के एक्स पोस्ट पर तंज कसते हुए कहा, “लालू यादव अगर अपराध पर बोल रहे हैं, तो ये वैसा ही है जैसे जंगल में शेर कहे कि वह शाकाहारी हो गया।” इस बयान से आरजेडी में खलबली मच गई और एनडीए ने पीके के बयान को तुरंत भुना लिया।

पीके का लालू और नीतीश सरकार पर प्रहार

प्रशांत किशोर ने न केवल लालू के ‘जंगल राज’ पर प्रहार किया, बल्कि वर्तमान नीतीश सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। पीके ने बिहार में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर सवाल उठाते हुए गया में पुलिस पर हमले और दरभंगा में व्यापारी की हत्या जैसे मामलों का हवाला दिया। उन्होंने नीतीश कुमार को थका हुआ और मानसिक रूप से अस्वस्थ करार दिया, जिससे जेडीयू और एनडीए में भी नाराजगी देखी गई।

तेजस्वी यादव का आया बयान

आरजेडी ने पीके के बयान को बीजेपी प्रायोजित बताया। तेजस्वी यादव ने पीके को “बीजेपी की बी-टीम” बताते हुए कहा कि वह आरजेडी के वोट बैंक को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। आरजेडी के लिए यह तंज इसलिए भी बड़ा झटका बना क्योंकि वह 2025 चुनाव में कानून-व्यवस्था को मुख्य मुद्दा बनाना चाहती है, लेकिन पीके ने उसी मुद्दे पर आरजेडी को ही घेर लिया।

वहीं, बीजेपी ने पीके के बयान को “जनता की आवाज़” बताते हुए समर्थन किया और कहा कि लालू का जंगल राज बिहार के लिए एक अभिशाप था। साफ है कि पीके के एक बयान ने बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, जो चुनावी माहौल को और गरमा सकता है।