Ahmedabad Plane Crash : 12 जून 2025 को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुआ एयर इंडिया फ्लाइट AI171 का क्रैश भारत के एविएशन इतिहास का एक दर्दनाक और रहस्यमयी हादसा बन गया है। महज 360 सेकेंड में 265 ज़िंदगियां खत्म हो गईं, और पीछे छूट गए ढेरों सवाल, आंसू और एक सन्नाटा। विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर था, जिसे दो अनुभवी पायलट उड़ा रहे थे और मौसम भी साफ़ था, ऐसे में विमान के क्रैश का कारण जानना ज़रूरी और जटिल हो गया है।
उड़ान से पहले ही प्लेन में थी कोई दिक्कत?
क्या टेकऑफ से पहले ही विमान में कोई तकनीकी खराबी मौजूद थी जिसे नजरअंदाज कर दिया गया? ये एक बड़ा सवाल है। जांच एजेंसियों को शक है कि मेंटनेंस में लापरवाही हुई हो सकती है या फिर उड़ान से पहले फ्लाइट की जांच सही तरीके से नहीं हुई। ब्लैक बॉक्स मिलने के बाद उम्मीद है कि कई सवालों के जवाब मिल सकते हैं, लेकिन क्या वो सभी रहस्यों पर से पर्दा उठाएगा, ये अभी तय नहीं।
क्या पायलट से हुई कोई चूक?
रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान टेकऑफ के समय केवल 174 नॉट की स्पीड से उड़ रहा था, जबकि इस तरह के भारी विमान को उड़ान भरने के लिए कम से कम 200-250 नॉट की जरूरत होती है। विमान के लैंडिंग गियर भी ऊपर नहीं हुए थे, जो टेकऑफ के बाद तुरंत ऊपर हो जाने चाहिए। क्या यह पायलट की चूक थी या किसी सिस्टम फेल्योर का संकेत? यह जांच का विषय बना हुआ है।
वजन बना वजह? 1.25 लाख लीटर फ्यूल से भरा था विमान
एक और थ्योरी सामने आई है कि प्लेन में करीब सवा लाख लीटर फ्यूल था, जिससे उसका वजन काफी बढ़ गया था। क्या इस भारी वजन की वजह से इंजन को पर्याप्त थ्रस्ट नहीं मिल पाया और विमान स्टॉल करने लगा? विमान रनवे से समय से पहले टेकऑफ करता दिखा और फिर ऊंचाई पकड़ने में असफल रहा।
फ्लैप्स, थ्रस्ट और लैंडिंग गियर में गड़बड़ी?
क्या टेक्निकल सेटिंग्स जैसे फ्लैप्स की गलत पोजिशनिंग या थ्रस्ट पावर में कमी इस हादसे की वजह बनी? प्लेन जब 625 फीट की ऊंचाई पर था, तभी अचानक उसकी गति कम हुई और वह नीचे गिरने लगा, जिसे एविएशन की भाषा में “स्टॉलिंग” कहा जाता है। इस स्टॉलिंग के कारण विमान का संतुलन बिगड़ गया और वह कंट्रोल से बाहर हो गया।
साजिश या साइबर अटैक?
इस हादसे में एक बड़ा सस्पेंस साइबर अटैक को लेकर भी बना हुआ है। क्या किसी ने विमान के नेविगेशन या ऑटोमेशन सिस्टम को हैक कर लिया था? अप्रैल 2025 में म्यांमार में भारतीय वायुसेना के विमान पर साइबर हमला हो चुका है, जिससे साबित होता है कि यह संभव है। अमेरिका में 2016 में बोइंग 757 के सिस्टम को भी हैक किया गया था। इसलिए ये आशंका भी गहरी होती जा रही है कि क्या अहमदाबाद हादसा महज तकनीकी चूक नहीं, बल्कि किसी साइबर साजिश का नतीजा था?
जांच में जुटीं अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां
हादसे की गंभीरता को देखते हुए न सिर्फ भारत, बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश भी अपनी विशेष टीम भेज रहे हैं। इन एजेंसियों का फोकस यह जानना है कि क्या क्रैश से पहले कोई चेतावनी संकेत था जिसे नजरअंदाज कर दिया गया? और क्या विमान से संबंधित डेटा से हादसे की सच्चाई पूरी तरह सामने आ सकती है?