होटल बुकिंग का ये ‘सीक्रेट’ जान लिया तो होगी बंपर बचत, ऑनलाइन या ऑफलाइन – कौन सा तरीका है बेस्ट?

किसी भी ट्रिप की प्लानिंग करते वक्त होटल बुकिंग सबसे जरूरी फैसला होता है। चाहे वह शादी हो, फैमिली ट्रिप, ऑफिस टूर या फिर छुट्टियों पर घूमने की योजना – अगर होटल सही हो तो पूरी यात्रा का अनुभव शानदार बन जाता है। लेकिन अगर होटल की बुकिंग गलत हो जाए, तो अच्छी-खासी ट्रिप का मजा भी खराब हो सकता है।

आज के डिजिटल जमाने में ज्यादातर लोग ऑनलाइन बुकिंग को प्राथमिकता देते हैं। आप कुछ ही मिनटों में मोबाइल ऐप या वेबसाइट के जरिए होटल बुक कर सकते हैं।

ऑनलाइन बुकिंग के फायदे:

ऑनलाइन होटल बुकिंग में आप अपनी सुविधा के अनुसार होटल सर्च कर सकते हैं, जैसे बजट, रेटिंग और सुविधाएं। होटल की तस्वीरें, रिव्यू और लोकेशन पहले से देखकर फैसला लेना आसान होता है। कई बार डिस्काउंट, कूपन और कैशबैक से खर्च भी कम हो जाता है। बुकिंग के तुरंत बाद कन्फर्मेशन मिल जाता है जिससे ट्रिप प्लान करना आसान होता है। लेकिन सावधानी जरूरी है – कई बार होटल की तस्वीरें असलियत से अलग होती हैं, गलत लोकेशन या फेक होटल की संभावना रहती है। इसलिए हमेशा ट्रस्टेड वेबसाइट से बुक करें और रिव्यू जरूर पढ़ें।

ऑफलाइन होटल बुकिंग:

अगर आप उन लोगों में हैं जो खुद देख-परखकर ही संतुष्ट होते हैं, तो ऑफलाइन बुकिंग आपके लिए बेहतर हो सकती है। खासकर ऑफ-सीजन में जब होटल खाली होते हैं, तो आप मौके पर जाकर मोलभाव भी कर सकते हैं और अच्छा सौदा पा सकते हैं।

ऑफलाइन बुकिंग के फायदे:

ऑफलाइन होटल बुकिंग में आप खुद जाकर होटल की हकीकत देख सकते हैं – जैसे सफाई, कमरे की हालत, स्टाफ का व्यवहार आदि। एजेंट या वेबसाइट के कमीशन से बचकर सीधे होटल से बात करने पर बेहतर रेट मिल सकता है। ऑफ सीजन में मोलभाव करने पर अच्छी छूट भी मिल जाती है। लेकिन इसमें सावधान रहना जरूरी है – पीक सीजन में अच्छे होटल पहले ही फुल हो सकते हैं, जिससे महंगे या कम सुविधा वाले होटल में रुकना पड़ता है। बिना एडवांस बुकिंग के सफर करने से असुरक्षा बनी रहती है और रिफंड या कैंसिलेशन की सुविधा भी कम मिलती है।