जामिया मिलिया के चांसलर डाक्टर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन
अली असगर/खड़कीवाला-1920 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोहम्मद अली जौहर सहित अनेक बुद्धिजीवियो ने जिनमे मौलाना अबुल कलाम आजाद और डाक्टर ज़ाकिर हुसैन सहित प्रसिद्ध शिक्षाविदो ने मिलकर जामिया मिलिया इस्लामिया की दिल्ली में महात्मा गांधी के संरक्षण में स्थापना की।
जिसे युनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन ने 1962 में पूर्ण रूपेण विश्वविद्यालय की मान्यता दी। इसके पहले चांसलर हकीम अजमल खां और 11 वीं चांसलर श्रीमती नजमा हेपतुल्ला थी। वर्तमान में दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरू डाक्टर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन नियुक्त हुए है, आप आगामी पांच साल तक इस पद.पर रहेंगे। दाऊदी बोहरा समाज के प्रसिद्ध व्यापारी अकबर अली ग्रूप के संस्थापक फखरुद्दीन खुराकी वाला भी जेएमयू के चांसलर पद पर रह चुके है।
53वें दाई अल-मुतलक और दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के प्रमुख, परम श्रद्धेय सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन ने देश की राजधानी, नई दिल्ली में शिक्षा के एक ऐतिहासिक केंद्र जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) की चांसलरशिप स्वीकार कर ली है। आपको सर्वसम्मति से जामिया मिलिया इस्लामिया के कोर्ट के सदस्यों द्वारा 14 मार्च, 2023 से प्रभावी पाँच वर्षों की अवधि के लिए कुलाधिपति के रूप में चुना गया।
दाऊदी बोहरा समाज दुनिया के ऐसे समाज में गिना जाता हैं जहां शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती है, ये एक सदियो से चली आ रही परंपरा है, यही वजह है कि समाज शतप्रतिशत साक्षरता हैं। अपने पूर्ववर्तियों की तरह, विशेष रूप से उनके सम्मानित पिता सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन और सम्मानित दादा सैयदना ताहेर सैफुद्दीन के पदचिन्हों पर चलने के सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन प्रतिबद्ध हैं और उनकी विद्वता और शिक्षा के केंद्रों के संरक्षण की विरासत को बनाए रखे हुए हैं। आप दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, अलजामिया-तुस-सैफ़ियाह अरबी अकादमी के एकमात्र संरक्षक हैं। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने मुंबई में अकादमी के चौथे परिसर का उद्घाटन किया। सैयदना सैफुद्दीन ने 2015 से लगातार दो बार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चांसलर का पद भी संभाला है, यह पद उनके दोनों पूर्ववर्तियों के पास भी था। वर्तमान मे भी आप इसी पद आप पदस्थ है।
सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन का प्रबंधन दुनिया भर के सैकड़ों स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों की देखरेख करता है। वह कई ट्रस्टों का संचालन भी करता है, जो योग्य छात्रों को अनुदान और छात्रवृत्ति प्रदान करते हैं, जिससे महिलाओं और पुरुषों दोनों को शिक्षा की समान सुविधा मिलती है। अपने उपदेशों में, सैयदना नियमित रूप से अपने वंशजो की शैक्षणिक परंपरा कायम रखने पर जोर देते हैं जो सभी मुस्लिम पुरुषों और महिलाओं को ज्ञान प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करती है। उन्होंने सभी के लिए शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और यह सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा में अधिक निवेश करने का आह्वान किया कि हर बच्चे की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच हो।
सैयदना डिजिटल साक्षरता के प्रबल समर्थक हैं और उन्होंने 2016 में अलीगढ़ के हाई स्कूलों के एक समूह को 1000 कंप्यूटर दान किए थे, जहां वे मिंटो सर्कल में सैयदना ताहेर सैफुद्दीन हाई स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए भी जिम्मेदार हैं। हाल ही में, आपने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक नए फार्मेसी स्कूल के निर्माण में मदद करने के अपने इरादे की घोषणा की है। सैयदना के प्रबंधन ने हाल ही में एक कार्यक्रम भी शुरू किया है जिसके तहत शिक्षकों को सीखने और विकास के लिए उल्लेखनीय वातावरण बनाने में उनके योगदान और उत्कृष्टता के लिए पहचाना और सम्मानित किया जाता है।
दाऊदी बोहरा धर्म के पिछले नेताओं की तरह, सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन आजीवन सीखने और विद्वता के लिए समर्पित हैं। वह एक विद्वान लेखक हैं और उन्होंने अरबी में दाऊदी बोहरा समुदाय के इतिहास और आस्था से संबंधित विभिन्न विषयों और अवधारणाओं पर कई ग्रंथ प्रकाशित किए हैं। उन्होंने कई प्रशस्ति-पत्र, कविताएँ और नोहा भी रचे हैं। सैयदना के उपदेश दाऊदी बोहरा समुदाय की आस्था और संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। किसी भी वर्ष में, सैयदना दुनिया भर में कहीं भी 50 से 100 उपदेश देते हैं, जहां भी उनकी यात्राएं होती हैं, हजारों लोगों के साथ अपनी अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा करते हैं।
भारत के शिक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार जेएमआई को भारत के सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रथम स्थान दिया गया था इस विश्वविद्यालय ने अनेकों प्रसिद्ध विद्वान और व्यक्तित्व देश को दिए है प्रसिद्ध अभिनेता शाहरुख खान, प्रसिद्ध क्रिकेटर विरेन्द्र सहवाग, प्रसिद्ध पत्रकार अंजना ओम.कश्यप और आरेफा खानम शेरवानी इसी संस्थान की देन हैं।