Iran Israeli War: ईरान का दावा, इजरायली हमलों में 78 लोग मारे गए, 320 से ज्यादा घायल

Iran Israeli War: ईरान और इजरायल के बीच तनाव ने एक बार फिर खतरनाक मोड़ ले लिया है। इजरायल द्वारा शुक्रवार को ईरान के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किए जाने के बाद क्षेत्र में युद्ध जैसे हालात बन गए हैं। ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत ने दावा किया है कि इन हमलों में कम से कम 78 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे, जबकि 320 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाते हुए कई अहम ठिकानों पर मिसाइलें दागीं। इन हमलों में तेहरान के भूमिगत परमाणु परिसर और इस्फहान स्थित एक महत्वपूर्ण न्यूक्लियर फैसिलिटी को गंभीर नुकसान पहुंचा। साथ ही ईरान की सेना के कई वरिष्ठ कमांडर भी मारे गए। ईरानी स्टेट मीडिया के अनुसार, कई शहरों में धमाकों की आवाजें सुनी गईं, जिनमें तेहरान, इस्फहान और करज शामिल हैं।

ईरान की जवाबी कार्रवाई: ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’

इजरायल के हमलों के जवाब में, ईरान ने ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ नामक बड़ा सैन्य अभियान शुरू किया। इस दौरान सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन तेल अवीव और यरुशलम की ओर दागे गए। इन हमलों में एक व्यक्ति की मौत और कम से कम 34 लोग घायल हुए। ईरान ने यह भी दावा किया कि उसने एक इजरायली फाइटर जेट को मार गिराया और उसके पायलट को गिरफ्तार किया है, हालांकि इजरायली सेना ने इस दावे को खारिज कर दिया।

Iran Israeli War: बढ़ता तनाव, युद्ध की आशंका

शनिवार सुबह तक दोनों देशों के बीच हवाई हमलों का सिलसिला जारी रहा। इजरायल ने दावा किया कि उसने अमेरिकी सहयोग से बड़ी संख्या में ईरानी मिसाइलों को बीच में ही नष्ट कर दिया। दूसरी ओर, ईरान ने एक दूसरी लहर के तहत फिर से मिसाइल हमले किए।

इस तेजी से बिगड़ती स्थिति ने पूरे क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने ईरान के अनुरोध पर आपातकालीन बैठक बुलाने की घोषणा की है। ईरान ने UN चार्टर के आर्टिकल 51 का हवाला देते हुए आत्मरक्षा के अधिकार की बात की है, जबकि इजरायल का कहना है कि वह तब तक कार्रवाई करता रहेगा जब तक ईरान से सभी खतरे खत्म नहीं हो जाते।

Iran Israeli War: दोनों देशों के नेतृत्व की तीखी प्रतिक्रियाएं

Iran Israeli War: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि यह अभियान ईरान से उत्पन्न “अस्तित्वगत खतरे” को खत्म करने के लिए है। उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में हुए होलोकॉस्ट का जिक्र करते हुए कहा कि इस बार इजरायल कोई गलती नहीं दोहराएगा। वहीं, ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने इजरायल पर “खूनी और दुष्ट हाथ” खोलने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि इजरायल को इसका “कड़वा अंजाम” भुगतना पड़ेगा।