Israel Iran War: मध्य पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच चुका है, और इस बीच अमेरिका सक्रिय रूप से ईरान द्वारा इजरायल पर दागी जा रही मिसाइलों को रोकने में सहयोग कर रहा है। अमेरिकी न्यूज़ पोर्टल Axios की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह जानकारी एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी ने दी, जिन्होंने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अमेरिका इस रक्षा अभियान में इजरायल का साथ दे रहा है।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इस कार्रवाई में अमेरिकी लड़ाकू विमान या युद्धपोतों की भूमिका है या नहीं। अधिकारी ने इस संबंध में कोई तकनीकी विवरण साझा नहीं किया।
इससे पहले, इजरायली रक्षा बलों (IDF) ने पुष्टि की कि ईरान ने सैकड़ों मिसाइलें दागी हैं। शुक्रवार को यरूशलेम और तेल अवीव में धमाकों की आवाजें सुनाई दीं और धुएं के गुबार आसमान में छा गए। इन धमाकों के बाद स्थानीय लोग तेजी से बम शेल्टर की ओर भागे।
इजरायली सेना द्वारा “ऑपरेशन राइजिंग लायन” की शुरुआत के बाद यह हमला हुआ, जिसके तहत इजरायल ने ईरान की परमाणु और सैन्य कमान पर गहरे हमले किए। एक इजरायली रक्षा अधिकारी ने इसे ईरान के खिलाफ सबसे बड़ा हमला बताया जो कि इराक युद्ध के बाद देखने को मिला है।
Israel Iran War: यूएस का अहम रोल
इस संकट के बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। हालांकि, बैठक की अवधि और उसमें हुई चर्चाओं के ब्योरे साझा नहीं किए गए।
रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच शुक्रवार को टेलीफोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें वर्तमान हालात पर विचार-विमर्श किया गया।
तेल अवीव में ईरानी मिसाइल हमले के दौरान पांच लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। इनमें एक व्यक्ति की हालत मध्यम बताई जा रही है, जबकि चार अन्य को मामूली छर्रे लगे हैं।
जैसे-जैसे ईरान और इजरायल (Israel Iran War)के बीच सैन्य संघर्ष तेज होता जा रहा है, यह क्षेत्र एक व्यापक युद्ध की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। ऐसे में अमेरिका की भूमिका केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि सैन्य सहयोग के रूप में भी अहम होती जा रही है।