एस. जयशंकर: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को फ्रांस का चार दिवसीय दौरा पूरा किया। पेरिस में उन्होंने रणनीतिक मामलों से जुड़े विशेषज्ञों से मुलाकात की और वैश्विक बदलावों पर चर्चा की। बातचीत में जयशंकर ने बताया कि आज की दुनिया में डेटा, तकनीक और ऊर्जा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने भारत और यूरोप के बीच मजबूत साझेदारी की संभावनाओं को उजागर किया और कहा कि दोनों पक्षों के बीच सहयोग के कई नए रास्ते खुल सकते हैं। उन्होंने इस मुलाकात को सकारात्मक बताया और इसे विचार-विमर्श को आगे बढ़ाने वाला अनुभव कहा।
आतंकवाद के खिलाफ सहयोग की तारीफ
फ्रांस यात्रा के दौरान जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ भारत को मिले फ्रांस के मजबूत सहयोग की प्रशंसा की। उन्होंने राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो से मुलाकात की। इन बैठकों में दोनों देशों के बीच विश्वास, साझेदारी और साझा उद्देश्यों पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही, इस दौरे में भारत और फ्रांस ने ‘हॉराइजन 2047 रोडमैप और डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप’ को पूरी तरह लागू करने पर सहमति जताई। इन योजनाओं के तहत रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और आतंकवाद विरोधी सहयोग को और मजबूत किया जाएगा। भारत और फ्रांस ने इस यात्रा के दौरान ‘हॉराइजन 2047 रोडमैप’ और ‘डिफेंस इंडस्ट्रियल रोडमैप’ को लागू करने पर सहमति जताई। इन समझौतों का उद्देश्य रक्षा, सुरक्षा, अंतरिक्ष और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को और मजबूत करना है, जिससे दोनों देशों के रणनीतिक संबंध और गहरे होंगे।
पेरिस की राष्ट्रीय लाइब्रेरी का निरीक्षण किया
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पेरिस में फ्रांस की नेशनल लाइब्रेरी का दौरा किया और वहां रखी गई भारतीय पांडुलिपियों को देखा। उन्होंने भारत और फ्रांस के बीच सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण में मिलकर काम करने पर चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने मार्से में हुए पहले ‘मेडिटेरेनियन रईसिना डायलॉग’ में हिस्सा लिया और दुनिया में बदलते राजनीतिक हालातों पर अपने विचार रखे। जयशंकर ने लाइब्रेरी के अध्यक्ष गिल्स पेको से मुलाकात की और भारतीय अध्ययन (इंडोलॉजी) को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि इस दौरे से यह पता चलता है कि फ्रांस में भारतीय संस्कृति और ज्ञान के प्रति गहरी रुचि है।