राजेश बबेले/बीना(सागर)-प्रदेश के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक लंबित मांगें पूरी न होने से बुधवार 15 मार्च 2023 से सामूहिक अवकाश पर चली गई है गौरतलब है कि महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक विगत 30 वर्षों से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं साथ ही विगत दो वर्षों से संयुक्त मोर्चा संघ द्वारा प्रभावी तरीके से निरंतर शासन का घ्यान आकर्षित करते हुए विभिन्न ज्ञापनों के माध्यम से विभागीय मंत्री, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव महिला बाल विकास विभाग एवं आयुक्त को अनेक बार ज्ञापन दिये गये लेकिन फिर भी लंबित मांगों यथा वेतन विसंगति, ग्रेड-पे, टाईम स्केल, पदोन्नति, संविदा पर्यवेक्षकों का नियमितीकरण, विकासख्ंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी के पद से प्रभारी शब्द हटाकर परियोजना अधिकारी पद पर मर्ज करने सहित विभिन्न मांगों के लिए संघर्षरत रहते हुए शासन को शांतिपूर्ण ढंग से विभिन्न अवसरों पर लिखित अवगत कराया।
उक्त मांगों के संबंध में अनेकों वार ज्ञापन दिये गये, विभागीय अधिकारियों को बैठक के माध्यम से लिखित एवं मौखिक रूप से अनेकों बार अवगत कराया गया किन्तु विभाग द्वारा लगातार उपेक्षा किये जाने, मांगों का समाधानकारक हल न किये जाने, गंभीरतापूर्वक विचार न करने, कोई निश्चित समयसीमा में समाधान न किये जाने, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन, भारसाधक मंत्री महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्तमोर्चा को मिलने का समय न दिये जाने, प्रथम दृष्टया निरंतर उपेक्षित व्यवहार किये जाने से बहुत ज्यादा रोस एवं असंतोष है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान म0प्र0 शासन द्वारा विभिन्न कर्मचारी संघ की मांगों के निराकरण हेतु गठित शिव चैबे अध्यक्ष सामान्य वर्ग आयोग (केविनेट मंत्री दर्जा), सुल्तान सिंह शेखावत, अघ्यक्ष -असंगठित कर्मकार कल्याण मंडल (केविनेट मंत्री दर्जा) एवं म0प्र0 राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेशचंद्र शर्मा (राज्यमंत्री-दर्जा) म0प्र0 शासन, को भी संयुक्त मोर्चा द्वारा अनेकों वार लिखित एवं मौखिक रूप से अपनी मांगों के संबंध में अवगत कराया गया। जबकि इन सभी के आश्वासन पर ही दिनांक 21-25 मार्च 2022 के दौरान संयुक्त मार्चा ने अपनी सामूहिक हडताल स्थगित की थी किन्तु उसके बाद भी आज तक कोई निराकरण नहीं हुआ न ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कराई गई। इसलिए मजबूर होकर हम सभी अपनी मांगों के संबंध में समाधानकारण हल नहीं निकाले जाने व तक कोई ठोस कदम न लिये जाने से व्यथित होकर संयुक्त मोर्चा संघ ने यह निर्णय लिया है कि हम सभी दिनांक 15 मार्च 2023 से समुचित हल न मिलने तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे।
इनका कहना है
जब तक हम सभी की मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक हम सभी सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। महिला बाल विकास बीना शहरी परियोजना अधिकारी उमा राय