हर माता-पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे की शादी सुखमय हो और वह एक अच्छा जीवनसाथी बने। लेकिन अक्सर देखा गया है कि जहां बेटियों को शादी से पहले अच्छे संस्कार, घर संभालना, रिश्ते निभाना और तालमेल बैठाना सिखाया जाता है, वहीं बेटों को केवल जिम्मेदार बनने की सलाह देकर छोड़ दिया जाता है। उन्हें यह नहीं सिखाया जाता कि एक अच्छा पति कैसे बना जाए, अपनी पत्नी के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, या एक अच्छा पिता कैसे बना जाए।
1. केयर करना सिखाएं
बेटों को सिखाएं कि दूसरों की जरूरतों को समझना और उनका ध्यान रखना एक इंसान की खूबी होती है। अगर वे बचपन से दोस्तों, भाई-बहनों, माता-पिता और बुजुर्गों की केयर करना सीखेंगे, तो बड़े होकर वे अपनी पत्नी और बच्चों का भी उतनी ही जिम्मेदारी से ध्यान रखेंगे। एक केयरिंग इंसान ही रिश्तों को निभा पाता है।
2. तारीफ और सराहना करना सिखाएं
कई पुरुष भावनाएं दिखाने में झिझकते हैं, लेकिन रिश्तों में सराहना बेहद जरूरी होती है। बेटों को सिखाएं कि किसी काम के लिए “थैंक यू” कहना, छोटे-छोटे अच्छे कामों की तारीफ करना, और पत्नी को स्पेशल फील कराना, एक मजबूत रिश्ते की बुनियाद है।
3. माफ करना सिखाएं
कोई भी रिश्ता परफेक्ट नहीं होता। जीवन में छोटी-बड़ी गलतियां सभी से होती हैं। बेटों को सिखाएं कि माफ करना कमजोरी नहीं, बल्कि एक रिश्ते को बचाने की ताकत होती है। जब वे यह समझेंगे कि हर गलती पर गुस्सा नहीं करना, बल्कि धैर्य और समझ से काम लेना जरूरी है, तभी वे एक अच्छे पति बन सकेंगे।
4. बराबरी का सम्मान देना सिखाएं
बेटों को बताएं कि पत्नी कोई नौकर नहीं होती, वह जीवनसाथी होती है। उसे बराबरी का सम्मान देना चाहिए – चाहे बात फैसले लेने की हो, काम बांटने की हो, या राय जानने की। जब पति-पत्नी एक-दूसरे की बराबरी को मानते हैं, तब ही एक खुशहाल शादीशुदा जिंदगी संभव होती है।
5. घर के काम सिखाएं
अगर बेटा सिर्फ यही सोचकर बड़ा होगा कि खाना बनाना, कपड़े धोना या बच्चों को संभालना सिर्फ औरत का काम है, तो वह कभी जिम्मेदार पति नहीं बन पाएगा। उसे सिखाएं कि घर चलाना दोनों की जिम्मेदारी है। कभी-कभी रसोई में हाथ बंटाना या बच्चों की देखभाल करना उसकी जिम्मेदारी भी है।
6. भावनाएं समझना सिखाएं
लड़कों को अक्सर सिखाया जाता है कि “मर्द रोते नहीं” या “भावनाएं दिखाना कमजोरी है”। लेकिन सच्चाई यह है कि भावनाएं जताना रिश्तों को मजबूत बनाता है। बेटे को बताएं कि दुख-सुख को साझा करना, किसी की चिंता करना या किसी की परेशानी में साथ देना, एक सच्चे जीवनसाथी की पहचान है।
7. सुनना और समझना सिखाएं
अक्सर पति अपनी पत्नियों की बातों को नजरअंदाज कर देते हैं या सिर्फ अपनी बातें कहने में लगे रहते हैं। बेटों को सिखाएं कि एक अच्छा पति वही है जो सुनना जानता है, समझना जानता है और पार्टनर की बातों को महत्व देता है। संवाद जितना अच्छा होगा, रिश्ता उतना ही मजबूत बनेगा।