मध्य प्रदेश के किसानों ने बदल डाली खेती की तस्वीर, अब सफेद चंदन से कर रहे लाखों की कमाई – देखें कैसे करें शुरुआत!

सफेद चंदन की खेती अब बुंदेलखंड के किसानों के लिए एक फायदे का सौदा बनती जा रही है। खासकर छतरपुर जिले में इसकी मांग और संभावनाएं तेजी से बढ़ी हैं। आस्था ग्रीन विलेज नर्सरी के मैनेजर राजू गौतम बताते हैं कि यहां की मिट्टी और जलवायु सफेद चंदन के लिए सबसे उपयुक्त है। जबकि लाल और पीला चंदन इस क्षेत्र में सही क्वालिटी नहीं दे पाता।

राजू गौतम के अनुसार, बुंदेलखंड की जलवायु सफेद चंदन के पेड़ों की अच्छी ग्रोथ के लिए अनुकूल है। वहीं, लाल या पीले चंदन के पेड़ यहां उग तो जाते हैं, लेकिन उनमें चंदन की असली पहचान, यानी सैंड (सुगंधित गूदा), नहीं बन पाता। यही वजह है कि उनकी नर्सरी में लाल और पीले चंदन के पौधे सिर्फ डेमो यानी उदाहरण के तौर पर लगाए जाते हैं।

5300 पौधे तैयार, बीज पहले कर्नाटक से मंगवाए गए

राजू बताते हैं कि अब तक उनकी नर्सरी में करीब 5300 सफेद चंदन के पौधे तैयार हो चुके हैं। पहले जब बीज नहीं मिलते थे, तब कर्नाटक से मंगवाए गए। लेकिन अब नर्सरी में ही बीज से पौधे तैयार किए जा रहे हैं। कोई भी किसान या व्यक्ति यहां से 1 से लेकर 1000 तक सफेद चंदन के पौधे खरीद सकता है। एक पौधे की कीमत सिर्फ ₹100 है। अगर कोई व्यक्ति या किसान एक साथ 500 या उससे अधिक पौधे खरीदता है, तो उसे 10% की छूट भी दी जाती है। यह छूट किसानों को बड़े स्तर पर खेती करने में आर्थिक रूप से मदद करती है।

पौधा लगाने का सही समय

राजू के मुताबिक, सफेद चंदन लगाने का सबसे अच्छा समय 15 जून से 15 जुलाई के बीच होता है। हालांकि इसे सितंबर तक भी लगाया जा सकता है, लेकिन अगर तीन बारिश के बाद पौधा लगाया जाए, तो उसकी ग्रोथ ज्यादा अच्छी होती है। इसलिए किसानों को सलाह दी जाती है कि वे पहले से ही तैयारी शुरू कर दें।

कैसे करें गड्ढा तैयार?

सफेद चंदन लगाने के लिए सबसे जरूरी है कि गड्ढा समय पर और सही तरीके से तैयार किया जाए। इसके लिए अप्रैल से जून तक का समय सबसे सही माना जाता है। गड्ढा तैयार करने की प्रक्रिया इस प्रकार है.

2 बाय 2 फीट का गड्ढा खोदें।

उसमें सूखा गोबर और कंडा भरें और उसमें आग लगाएं। इससे मिट्टी कीड़े-मकोड़ों से मुक्त हो जाती है।

इसके बाद, जितनी मिट्टी निकाली थी, उतनी ही मात्रा में सड़ी हुई गोबर खाद मिलाकर गड्ढे में भर दें।

तीन बारिशों के बाद, जब मिट्टी पूरी तरह बैठ जाए, तब उसमें सफेद चंदन का पौधा लगाएं।

भविष्य की बड़ी संभावना

राजू गौतम का कहना है कि आने वाले समय में सफेद चंदन की खेती बुंदेलखंड के किसानों के लिए एक लंबी अवधि का लाभ देने वाली खेती बन सकती है। इसकी लकड़ी का बाजार मूल्य बहुत ज्यादा होता है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग है। इसके अलावा इसकी सुगंध और औषधीय गुणों के कारण भी यह खासा लोकप्रिय है।