MP Cabinet: मध्यप्रदेश में राज्य कैबिनेट की अगली बैठक 17 जून यानि आज सुबह 11:30 बजे से प्रस्तावित है। इस अहम बैठक में लंबे समय से अटकी प्रमोशन नीति को हरी झंडी मिल सकती है। इसके साथ ही ट्रांसफर से जुड़ी कई अहम फाइलों पर भी अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।
9 साल बाद बनेगा प्रमोशन का रास्ता, मंत्रियों ने दी सहमति
राज्य सरकार ने प्रमोशन में आरक्षण को लेकर नया प्रारूप तैयार किया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और उनके सहयोगी मंत्रियों ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे 9 वर्षों से लंबित प्रमोशन प्रक्रिया को गति मिलने की उम्मीद है।
SC-ST वर्ग के पद होंगे पहले भरे, फिर मिलेगा अन्य कर्मचारियों को मौका
नई नीति के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16% और अनुसूचित जनजाति के लिए 20% पद पहले भरे जाएंगे। इसके बाद अन्य कर्मचारियों को प्रमोशन के समान अवसर मिलेंगे। यह प्रक्रिया अलग-अलग श्रेणियों के अफसरों के अनुसार संचालित की जाएगी।
क्लास-1 और क्लास-2 के लिए अलग होगी चयन प्रक्रिया
क्लास-1 अधिकारियों के चयन में “मेरिट कम सीनियरिटी” फॉर्मूला लागू किया जाएगा, जिसमें ACR का स्कोर विशेष भूमिका निभाएगा। जबकि क्लास-2 और निचले पदों के लिए “सीनियरिटी कम मेरिट” आधार पर लिस्ट बनेगी।
प्रमोशन में ACR होगी अहम, गुणवत्ता को मिलेगी प्राथमिकता
नई व्यवस्था के तहत गोपनीय चरित्रावली (ACR) को प्रमोशन की योग्यता का मुख्य आधार बनाया गया है। यदि किसी अधिकारी की ACR अनुपलब्ध है और वह खुद इसके लिए जिम्मेदार है, तो उसका नाम DPC में शामिल नहीं किया जाएगा।
ACR ग्रेडिंग का यह होगा मानक
प्रमोशन के लिए बीते 2 वर्षों में कम से कम एक “आउटस्टैंडिंग” ACR होना जरूरी है। वहीं 7 साल में न्यूनतम 4 वर्ष A+ ग्रेड वाली ACR आवश्यक होगी। इससे उच्च पदों के लिए गुणवत्ता युक्त चयन सुनिश्चित होगा।
नियम के लागू होते ही होगा प्रभाव, पुराने फैसले यथावत रहेंगे
प्रस्तावित प्रमोशन नीति को लागू होने की तिथि से ही प्रभावी माना जाएगा। पहले से हो चुके प्रमोशन पर कोई पुनर्विचार नहीं होगा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को इस नई नीति का लाभ नहीं मिलेगा।
यदि आरक्षित वर्ग में पात्र नहीं मिला, तो पद रहेंगे रिक्त
नई व्यवस्था के अनुसार यदि SC या ST वर्ग में उपयुक्त पात्र नहीं पाया जाता है, तो उन पदों को खाली ही रखा जाएगा। उन्हें अन्य वर्गों को नहीं दिया जाएगा।
हर साल तय समय में होगी DPC प्रक्रिया
DPC (विभागीय पदोन्नति समिति) की बैठक हर वर्ष सितंबर से नवंबर के बीच आयोजित की जाएगी। पात्रता की गणना 31 दिसंबर तक की जाएगी और 1 जनवरी से रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शुरू होगी।
हर पद के लिए दोगुने उम्मीदवारों की सूची बनेगी
प्रत्येक पद के लिए चयन सूची में दो गुना उम्मीदवारों के साथ अतिरिक्त 4 नाम शामिल किए जाएंगे, ताकि चयन में पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा बनी रहे।
ट्रांसफर की समय-सीमा अब नहीं बढ़ेगी
सरकार ने तबादलों के लिए पहले 1 से 30 मई तक की अनुमति दी थी, जिसे बढ़ाकर 10 जून और फिर 17 जून कर दिया गया। हालांकि मंत्री और विभागीय प्रमुखों के बीच समन्वय की कमी के चलते कई विभाग अब तक ट्रांसफर सूची जारी नहीं कर पाए हैं। अब इसकी समय-सीमा आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।