भारत-कनाडा : पीएम मोदी और मार्क कार्नी की मुलाकात में भारत और कनाडा ने नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति पर सहमति जताई। दोनों देश अब फिर से सामान्य राजनयिक सेवाएं शुरू करेंगे। इससे नागरिकों और व्यापारियों को फायदा होगा। कनाडा के पीएम कार्यालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने आपसी सम्मान, कानून का पालन, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता जैसे मूल सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों ने भारत-कनाडा रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में यह फैसला किया है।
भारत-कनाडा संबंधों पर विदेश सचिव विक्रम मिस्री की जानकारी
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पीएम मोदी और कनाडाई पीएम कार्नी की मुलाकात में दोनों देशों के रिश्तों में स्थिरता लाने पर सहमत हुए। दोनों ने जल्द उच्चायुक्त नियुक्त करने और व्यापार, लोगों के संपर्क व तकनीकी सहयोग जैसे मुद्दों पर बातचीत फिर शुरू करने की बात कही। स्वच्छ ऊर्जा, AI और आपूर्ति श्रृंखला पर भी चर्चा हुई।
पीएम मोदी का स्वागत करना सम्मान की बात: कार्नी का बयान
जी-7 सम्मेलन से पहले कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने कहा कि पीएम मोदी की मेजबानी करना उनके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि भारत 2018 से जी-7 सम्मेलनों में हिस्सा ले रहा है, जो उसकी अहम भूमिका को दिखाता है। कार्नी ने कहा कि वे भारत के साथ एआई, ऊर्जा और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करना चाहते हैं।
निज्जर हत्याकांड ने भारत-कनाडा संबंधों में डाला तनाव
पिछले साल कनाडा में सिख कट्टरपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले के बाद भारत-कनाडा संबंधों में तनाव बढ़ गया था। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने हत्या का आरोप भारत पर लगाया था। इसके बाद कनाडा ने भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य अधिकारियों को जांच से जोड़ा और पर्सन ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया। जवाब में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल दिया और अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था। इससे रिश्तों में और गिरावट आई।