जनगणना 2027 में शामिल होगी जातिगत जानकारी, NPR पर चुप्पी क्यों?

जनगणना 2027 : 2027 की जनगणना को लेकर मोदी सरकार बेहद सतर्कता से आगे बढ़ रही है। सरकार की ये एहतियात CAA विरोध के दौरान हुए व्यापक प्रदर्शनों के अनुभव से जुड़ी है। तब अफवाह फैली थी कि NRC और NPR के जरिए मुसलमानों को देश से निकाला जाएगा। इससे कई जगह विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। नतीजा यह रहा कि CAA तो लागू हो गया, लेकिन NRC और NPR को लेकर सरकार पीछे हट गई। अब जबकि सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया है, NPR को अपडेट करने की कोई चर्चा नहीं हो रही है। सरकार नहीं चाहती कि फिर से कोई विवाद या गलतफहमी पैदा हो और स्थिति बिगड़े।

जनगणना तय, लेकिन NPR को लेकर अब भी चुप्पी

केंद्र सरकार ने जनगणना कराने की अधिसूचना जारी कर दी है। इस बार जनगणना के साथ जाति जनगणना भी की जाएगी, जिसकी मंजूरी पहले ही मिल चुकी थी। लेकिन NPR को अपडेट करने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार का ध्यान इस बार सिर्फ जनगणना पर रहेगा। 2021 में जनगणना के साथ NPR अपडेट होना था, लेकिन कोविड के कारण टल गया। NPR सीधे NRC से जुड़ा मुद्दा है, और इसे लेकर पहले विवाद भी हुए थे। ऐसे में सरकार कोई नया विवाद नहीं चाहती, खासकर जब कई राज्यों में चुनाव होने हैं। जनगणना के आंकड़ों के आधार पर विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन और महिला आरक्षण की प्रक्रिया भी शुरू होगी। सरकार चाहती है कि 2029 तक महिला आरक्षण पूरी तरह लागू हो सके।

चुनावों से पहले टकराव टालने की कोशिश में सरकार?

बिहार में चुनाव नजदीक हैं और अब माहौल भी अलग है, लेकिन नीतीश कुमार पहले NRC के खिलाफ थे। हालांकि अब बदले हालात में वे धारा 370 और वक्फ बिल की तरह रुख बदल सकते हैं। लेकिन अगले साल जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां असम को छोड़कर अगर NRC लागू करने की कोशिश हुई तो विवाद होना तय है।