सोनम के कॉल रिकॉर्ड से उठा पर्दा, कौन हैं मिस्ट्री मैन ‘संजय वर्मा’, हो गया खुलासा

मेघालय की राजधानी शिलांग में हुए हाई-प्रोफाइल कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। अब तक इस मामले को केवल एक लव ट्रायंगल के रूप में देखा जा रहा था, जिसमें राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके प्रेमी राज कुशवाह की भूमिका सामने आई थी। लेकिन 18 जून को जब सोनम की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) सार्वजनिक हुई, तो पूरे घटनाक्रम ने एक नया मोड़ ले लिया।

कॉल डिटेल से खुली राज की पहचान

सीडीआर रिपोर्ट से यह सामने आया कि सोनम लंबे समय से एक ‘संजय वर्मा’ नाम के व्यक्ति से लगातार संपर्क में थी। जांच में पता चला कि सोनम अपने दो मोबाइल नंबरों (97…….34 और 181…….05) से संजय वर्मा के नंबर (78…..25) पर 1 मार्च 2025 से 8 अप्रैल 2025 तक 165 बार कॉल कर चुकी थी। इन कॉल्स में कई बार आधे घंटे से लेकर तीन घंटे तक बातचीत दर्ज की गई।

लेकिन असली चौंकाने वाली बात यह थी कि यह ‘संजय वर्मा’ कोई और नहीं बल्कि वही राज कुशवाह था, जिसे पहले से सोनम का प्रेमी माना जा रहा था। टू कॉलर ऐप पर राज का नंबर ‘संजय वर्मा’ के नाम से सेव था, ताकि असली पहचान छिपाई जा सके।

नंबर की लोकेशन से भी जुड़े कई सुराग

जांच में यह भी सामने आया कि जिन टावर लोकेशनों से कॉल किए गए थे, वे सभी सोनम और राज के मिलने-जुलने के स्थानों से मेल खाते हैं। जैसे लक्ष्मीनारायण, जीपी प्लाजा, नगर निगम टोड, शीतल नगर और राजा बाग जैसे स्थानों से कॉल की गई थी। इनमें से राजा बाग टॉवर सोनम के घर के पास है और शीतल नगर टॉवर उसके पिता के ऑफिस के निकट स्थित है। इतना ही नहीं, सोनम ने राज का नंबर ‘बिट्टू सोनम’ के नाम से सेव किया हुआ था, ताकि किसी को शक न हो।

सगाई और शादी के बीच हुई थी घंटों बातें 

राजा रघुवंशी और सोनम की शादी मई 2025 में हुई थी। लेकिन अब जो कॉल डिटेल सामने आई है, वह शादी से पहले की यानी सगाई और विवाह के बीच के समय की है। इससे साफ है कि सोनम और राज यानी ‘संजय वर्मा’ के बीच इस दौरान भी लगातार संपर्क बना रहा। 23 मई को राजा की हत्या हुई थी और उसी दिन से सोनम भी लापता हो गई थी। बाद में 2 जून को राजा का शव बरामद हुआ।

एसआईटी को पहले से थी जानकारी

अब सवाल यह उठने लगा था कि जब सीडीआर में संजय वर्मा का नाम सामने आया था, तो शिलांग पुलिस इस व्यक्ति तक क्यों नहीं पहुंच पाई? इसका जवाब भी पुलिस की तरफ से सामने आया है। दरअसल, मीडिया में यह कॉल डिटेल रिपोर्ट 18 जून को सामने आई, लेकिन एसआईटी (विशेष जांच दल) को यह डिटेल काफी पहले मिल चुकी थी।

जब राजा की हत्या के बाद जांच शुरू हुई थी और शव बरामद हुआ था, उसी समय पुलिस को इस नंबर की सच्चाई का अंदाजा लग गया था। सीडीआर के जरिए ही एसआईटी ने राज तक पहुंच बनाई थी और यह पहले ही कन्फर्म हो चुका था कि संजय वर्मा और राज कुशवाह एक ही व्यक्ति हैं।