Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या संयुक्त राज्य अमेरिका ईरान पर इजरायली हमलों में शामिल होगा या ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को निशाना बनाएगा। उन्होंने कहा, “हो सकता है, हो सकता है नहीं। कोई नहीं जानता कि मैं क्या करूंगा।” यह बयान मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच छठे दिन भी जारी हिंसक मिसाइल हमलों के बीच आया है, जिसमें अब तक 600 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
व्हाइट हाउस के बाहर पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने संकेत दिया कि स्थिति तेजी से बदल रही है। उन्होंने कहा, “अब और एक हफ्ते पहले की स्थिति में बहुत बड़ा अंतर है। अगला हफ्ता बड़ा होने वाला है, शायद एक हफ्ते से भी कम समय में।” हालांकि, उन्होंने अपनी योजना के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी। ट्रंप ने दावा किया कि ईरान ने वार्ता के लिए व्हाइट हाउस में आने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन उन्होंने इसकी प्रकृति या समय के बारे में कोई विस्तार से जानकारी नहीं दी। उन्होंने यह भी कहा कि अब बातचीत के लिए “बहुत देर हो चुकी है।”
Donald Trump का ईरान को चेतावनी और इजरायल को समर्थन
ट्रंप ने ईरान को “पूरी तरह रक्षाहीन” करार देते हुए कहा कि उसके पास “कोई हवाई रक्षा नहीं है।” उन्होंने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से “आगे बढ़ते रहने” को कहा, जिससे यह संकेत मिलता है कि उन्होंने इजरायल को तेहरान पर हमले जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने केवल इतना कहा, “शुभकामनाएं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि उनकी सरकार का धैर्य ईरान के साथ खत्म हो चुका है। “धैर्य पहले ही खत्म हो चुका है,” उन्होंने कहा।
इससे पहले, ऐसी खबरें थीं कि अमेरिका और इजरायल मिलकर खामेनेई की हत्या की योजना बना रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया था कि वाशिंगटन को ठीक-ठीक पता है कि खामेनेई “कहां छिपे हैं।” हालांकि, उन्होंने तत्काल किसी हमले की पुष्टि करने से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका अभी खामेनेई को “निशाना नहीं बनाएगा,” लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि अमेरिका का धैर्य “कम हो रहा है।” ट्रंप ने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की और कहा कि ईरान को कभी भी परमाणु हथियार नहीं मिलने चाहिए।
खामेनेई का जवाब
Donald Trump के आत्मसमर्पण की मांग के जवाब में, अयातुल्ला खामेनेई ने बुधवार को एक टेलीविजन संदेश में स्पष्ट किया कि ईरान कभी झुकेगा नहीं। उन्होंने कहा, “जो लोग ईरान, ईरानी राष्ट्र और इसके इतिहास को जानते हैं, वे इस राष्ट्र से कभी धमकी की भाषा में बात नहीं करेंगे, क्योंकि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण नहीं करता।” खामेनेई ने चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने सैन्य हस्तक्षेप किया, तो उसे “अपूरणीय नुकसान” का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने इसे “थोपी गई जंग” करार देते हुए कहा कि तेहरान दृढ़ता से इसका सामना करेगा।
इजरायल-ईरान संघर्ष का छठा दिन
इजरायल और ईरान के बीच मिसाइल हमले बुधवार को छठे दिन भी जारी रहे। ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक 585 लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं। दूसरी ओर, इजरायल ने दावा किया कि ईरानी हमलों में 24 लोगों की मौत हुई है और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं। बुधवार को इजरायल के हमले मुख्य रूप से तेहरान के आसपास केंद्रित थे। ईरान ने दावा किया कि उसने पहली बार इस संघर्ष में फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल का इस्तेमाल किया। तेल अवीव में भी विस्फोटों की आवाजें सुनी गईं।
ट्रंप की अस्पष्ट टिप्पणियों ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। उनकी “हो सकता है, हो सकता है नहीं” वाली रणनीति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी अगली चाल को गुप्त रखना चाहते हैं। हालांकि, उनके बयानों से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका इजरायल का समर्थन तो कर रहा है, लेकिन सीधे सैन्य हस्तक्षेप के लिए अभी तैयार नहीं है। दूसरी ओर, ईरान की कड़ी प्रतिक्रिया और खामेनेई के बयान से साफ है कि वह किसी भी कीमत पर पीछे हटने को तैयार नहीं है।