Indore News : 30 हजार की नौकरी, करोड़ों की कमाई, सहायक उद्यान अधिकारी का भ्रष्टाचार बेनकाब

इंदौर नगर निगम में कार्यरत सहायक उद्यान अधिकारी चेतन पाटिल को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की छापेमारी में पाटिल के पास करोड़ों की अघोषित संपत्ति मिलने के बाद नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने यह कार्रवाई की। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि पाटिल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए आय से कई गुना अधिक संपत्ति अर्जित की है, जिससे न केवल विभाग की साख को नुकसान पहुंचा बल्कि सार्वजनिक धन का दुरुपयोग भी हुआ।

इंदौर नगर निगम आयुक्त द्वारा जारी किया गया आदेश।

पेड़ों और गमलों की खरीद में हुआ करोड़ों का घोटाला

चेतन पाटिल के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत लंबे समय से थी, विशेषकर एनआरआई सम्मेलन के दौरान पेड़-पौधे और गमलों की खरीद में की गई गड़बड़ियों को लेकर। जांच में पता चला कि दस्तावेजों में दो करोड़ रुपए की गमला व पौधों की खरीद दर्शाई गई, जिसमें कई वित्तीय अनियमितताएं पाई गईं। इस मामले में कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद EOW ने पाटिल के निवास गुलमोहर ग्रीन कॉलोनी और नगर निगम के उद्यान विभाग कार्यालय पर छापे मारे।

30 हजार की नौकरी, करोड़ों की संपत्ति का मालिक

पाटिल की मासिक तनख्वाह महज 30 हजार रुपए थी, लेकिन उसने कई आलीशान संपत्तियां, कीमती आभूषण, प्लॉट और बीमा पॉलिसियों में निवेश करके करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली थी। जबकि उसकी कुल वैध आय अब तक सिर्फ 15 लाख रुपए के आसपास थी। छापे के दौरान पौने दो करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए, जिससे उसकी अवैध कमाई की पुष्टि हो गई।

मस्टरकर्मी से करोड़पति बनने तक का सफर

चेतन पाटिल ने वर्ष 2004 में नगर निगम में मस्टरकर्मी के रूप में नौकरी शुरू की थी। इसके बाद नेताओं और अधिकारियों के बीच अपनी पकड़ बनाकर वह सहायक उद्यान अधिकारी के पद तक जा पहुंचा। EOW के अनुसार, उसने अपने पूरे कार्यकाल में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार कर संपत्ति जुटाई। इस मामले में पुलिस ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है और निजी कंपनियों के साथ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच जारी है।

फाइलें जब्त, जांच अभी भी जारी

छापे के दौरान विभाग से संबंधित पांच प्रमुख फाइलें जब्त की गईं हैं, जबकि अन्य दस्तावेजों की जांच जारी है। इस कार्रवाई से नगर निगम और उससे जुड़े ठेकेदारों व कर्मचारियों के बीच हड़कंप मच गया है। अब यह देखना बाकी है कि आगे की जांच में और किन-किन नामों का खुलासा होता है और यह भ्रष्टाचार की चेन कहां तक जुड़ी हुई है।