दुनियाभर में कई रहस्यमयी और हैरान कर देने वाली जगहें हैं, जो अपने अजीबो-गरीब गुणों के लिए मशहूर हैं। ऐसी ही एक जगह है ऑस्ट्रेलिया की मशहूर उलुरू पहाड़ी, जिसे आर्यस रॉक (Ayers Rock) के नाम से भी जाना जाता है। इस पहाड़ी की सबसे खास बात ये है कि यह गिरगिट की तरह रंग बदलती है, और इसी वजह से यह दुनिया भर के सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है।
कैसे बदलता है रंग?
उलुरू पहाड़ी दिन भर में कई बार अपना रंग बदलती है। सूरज की रोशनी जैसे-जैसे बदलती है, इसका रंग भी बदलता रहता है। सुबह के समय यह हल्के गुलाबी या सुनहरे रंग में नजर आती है, दोपहर तक इसका रंग नारंगी और फिर शाम के समय गहरा लाल हो जाता है। कभी-कभी यह बैंगनी या भूरे रंग में भी नजर आती है। यह नजारा किसी जादू जैसा लगता है और यकीन मानिए, जो लोग इसे अपनी आंखों से देख लेते हैं, उनके लिए यह अनुभव जिंदगीभर की याद बन जाता है।
कहां है ये पहाड़ी?
यह रहस्यमयी पहाड़ी ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र (Northern Territory) में स्थित है। यह क्षेत्र रेगिस्तानी है, लेकिन उलुरू पहाड़ी इस बंजर इलाके के बीच एक चमत्कार की तरह खड़ी है। यह करीब 348 मीटर ऊंची और लगभग 10 किलोमीटर के घेरे में फैली हुई है।
कब और कैसे हुई खोज?
इस पहाड़ी की खोज साल 1873 में एक अंग्रेज खोजकर्ता डब्ल्यू. जी. गोसे (W.G. Gosse) ने की थी। उस समय ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री का नाम था हेनरी आर्यस, इसलिए गोसे ने इस पहाड़ी का नाम उनके नाम पर Ayers Rock रख दिया। लेकिन इस क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी समुदाय, जिन्हें अनांगू जनजाति कहा जाता है, इस पहाड़ी को उलुरू कहते हैं। उनके लिए यह एक पवित्र स्थल है।
क्या कहते हैं स्थानीय लोग?
अनांगू जनजाति के लोग मानते हैं कि यह पहाड़ी सिर्फ एक चट्टान नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक शक्ति का केंद्र है। उनके मुताबिक, यहां की हर दरार, हर मोड़ का कोई न कोई पौराणिक महत्व है। आज भी ये लोग इस पहाड़ी की पूजा करते हैं और इसे अपने देवताओं से जोड़ते हैं।
क्यों जाएं उलुरू?
अगर आप प्रकृति, रहस्य और संस्कृति में रुचि रखते हैं, तो उलुरू पहाड़ी आपके लिए एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन है। यहां का वातावरण शुद्ध, दृश्य लुभावने और अनुभव अद्भुत होते हैं। सबसे खास बात यह है कि आप यहां आकर प्रकृति के रंगों का खेल अपनी आंखों से देख सकते हैं।