NEET UG 2025 का रिजल्ट हाल ही में जारी हुआ है। ऐसे में जिन छात्रों के नंबर अपेक्षा से कम आए हैं और उन्हें MBBS या BDS में सीट मिलने की संभावना कम है, उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए MBBS ही एकमात्र रास्ता नहीं है। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे कोर्स की, जो मेडिकल फील्ड में अच्छी सैलरी और सम्मान दिला सकता है। वो है BHMS (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी)।
BHMS क्या है?
BHMS एक 5.5 साल का मेडिकल कोर्स है, जिसमें 4.5 साल की पढ़ाई और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल होती है। इस कोर्स में छात्र होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति की गहराई से पढ़ाई करते हैं। यह कोर्स NEET UG की रैंक और स्कोर के आधार पर ही मिलता है, लेकिन इसकी कट-ऑफ MBBS की तुलना में काफी कम होती है, इसलिए कम नंबर वालों को भी इसमें मौका मिल सकता है। BHMS कोर्स पूरा करने के बाद छात्र प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं या सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा होम्योपैथी कॉलेजों में पढ़ाने का भी मौका मिलता है।
BHMS की कितनी सीटें हैं?
भारत में BHMS के लिए करीब 250 सरकारी और प्राइवेट कॉलेज हैं, जिनमें 19,000 से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। हर साल बड़ी संख्या में छात्र इस कोर्स के जरिए चिकित्सा के क्षेत्र में कदम रखते हैं। BHMS की NEET कटऑफ कैटेगरी वाइज अलग होती है और यह MBBS की तुलना में काफी कम स्कोर पर भी मिल सकता है। नीट की काउंसलिंग शुरू होने से पहले BHMS की कॉलेज वाइज और कैटेगरी वाइज कटऑफ की जानकारी मिलती है, जिससे आपको सही विकल्प चुनने में आसानी होगी।
BHMS करने के बाद करियर और सैलरी
BHMS कोर्स करने के बाद कई करियर विकल्प उपलब्ध हैं। आप आयुष मंत्रालय या राज्य आयुष विभाग में चिकित्सा अधिकारी बन सकते हैं। प्राइवेट प्रैक्टिस कर खुद का क्लिनिक खोल सकते हैं। कई निजी अस्पतालों में होम्योपैथी डॉक्टर की भी जरूरत होती है। शिक्षा के क्षेत्र में आप BHMS कॉलेजों में लेक्चरर बन सकते हैं। इसके अलावा रिसर्च और फार्मा कंपनियों में भी करियर बनाया जा सकता है। सरकारी क्षेत्र में सैलरी 20,000 से 40,000 रुपए प्रति माह होती है, जबकि प्राइवेट प्रैक्टिस में अनुभव के साथ आय कई गुना बढ़ सकती है।