कैंसर का नाम सुनते ही आज भी कई लोग डर जाते हैं। इलाज के बाद भी ये बीमारी दोबारा लौट सकती है, इसलिए इसे पूरी तरह हराना आसान नहीं होता। लेकिन अब एक नई और बड़ी खबर सामने आई है, जो कैंसर मरीजों के लिए उम्मीद की किरण बन सकती है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, कनाडा और इजरायल में हुए एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में यह बात सामने आई है कि कैंसर के इलाज के बाद अगर मरीज नियमित एक्सरसाइज करें, तो उनकी मौत का खतरा 30% तक कम हो सकता है। यही नहीं, कैंसर दोबारा लौटे, इसकी संभावना भी काफी हद तक घट जाती है।
कहां पेश हुई यह रिसर्च?
यह रिपोर्ट अमेरिका के शिकागो में आयोजित की गई अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी (ASCO) की वार्षिक बैठक में पेश की गई। इसके अलावा यह अध्ययन ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ में भी प्रकाशित हुआ है। यह पहली बार है जब किसी वैज्ञानिक अध्ययन में साफ तौर पर यह बताया गया है कि नियमित व्यायाम कैंसर की दवाओं से भी ज्यादा असरदार हो सकता है।
क्या कहती है स्टडी?
इस स्टडी में साल 2009 से 2023 के बीच 889 कोलन कैंसर मरीजों को शामिल किया गया। इनमें से 90% मरीज स्टेज 3 के थे। इन्हें दो समूहों में बांटा गया: पहले समूह (445 मरीज) को एक तयशुदा एक्सरसाइज प्रोग्राम में शामिल किया गया। दूसरे समूह (444 मरीज) को कोई खास एक्सरसाइज नहीं दी गई। एक्सरसाइज वाले समूह को हर हफ्ते करीब 150 मिनट मध्यम स्तर की एक्सरसाइज (जैसे तेज चलना, हल्का दौड़ना, साइकिल चलाना आदि) करने को कहा गया। 18 महीने के बाद नतीजे हैरान करने वाले थे – एक्सरसाइज करने वाले लोगों में मृत्यु दर और कैंसर के दोबारा लौटने की संभावना में लगभग एक-तिहाई की कमी देखी गई।
रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि एक्सरसाइज अब केवल हेल्थ टिप नहीं रही, बल्कि यह कैंसर के इलाज के बाद एक थैरेपी की तरह काम कर सकती है। यह इम्यून सिस्टम को बेहतर करती है, थकान कम करती है और शरीर को मजबूत बनाती है।
सलाह
अगर कोई व्यक्ति कैंसर से जूझ चुका है या इलाज के बाद रिकवर कर रहा है, तो उसे डॉक्टर की सलाह लेकर एक रेगुलर एक्सरसाइज रूटीन अपनाना चाहिए। यह न केवल फिजिकल फिटनेस को बेहतर बनाएगा, बल्कि भविष्य में कैंसर के खतरे को भी कम करेगा। यह शोध कैंसर सर्वाइवर्स के लिए एक नई उम्मीद की किरण बनकर आया है।