अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को वॉशिंगटन डीसी स्थित व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर के साथ निजी लंच किया। इस मुलाकात को लेकर भारत में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, खासकर विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इसे भारत की कूटनीतिक विफलता करार दिया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने इस मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “जिस व्यक्ति पर आतंकवाद का समर्थन करने और कट्टरपंथी बयान देने के आरोप हैं, उसे अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अपने घर बुलाकर भोजन कराते हैं। क्या यह अमेरिकी जनमानस की भावना के खिलाफ नहीं है?” उन्होंने आगे कहा कि कई अमेरिकी रणनीतिकार आतंकवाद को भी भू-राजनीति का हिस्सा मानते हैं और तालिबान को अमेरिका का समर्थन इसका उदाहरण है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, “ट्रंप के साथ मुनीर का लंच और पीएम मोदी की बेबसी… जय सियाराम!”
अन्य कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी इस लंच को भारत के लिए कूटनीतिक झटका बताया। उनका कहना है कि जिस वक्त भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने की बात की जा रही है, उसी समय अमेरिका द्वारा पाक सेना प्रमुख का इस तरह स्वागत करना भारत के लिए चिंताजनक है।
व्हाइट हाउस का पक्ष
व्हाइट हाउस ने इस मुलाकात को क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर केंद्रित बताया। ट्रंप ने मुनीर की भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया सैन्य तनाव को कम करने में भूमिका की तारीफ की और दावा किया कि मुनीर ने युद्ध को रोका। हालांकि, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि मई में हुई सीजफायर भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं की सीधी बातचीत का नतीजा थी, न कि किसी अमेरिकी हस्तक्षेप का।
इजरायल-ईरान तनाव के बीच आई यह मुलाकात
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब इजरायल और ईरान के बीच तनाव तेजी से बढ़ रहा है। मुनीर ने वॉशिंगटन में एक सार्वजनिक भाषण में ईरान के समर्थन की बात कही, जो ट्रंप की ईरान विरोधी नीति के विपरीत है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका इस मुलाकात के जरिए ईरान पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान के सहयोग की संभावना तलाश रहा है। पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति और सैन्य ताकत उसे अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बनाती है।