Operation Sindhu: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच भारत सरकार ने पश्चिम एशिया से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया है। इस महत्वपूर्ण मिशन में एक बड़ी सफलता शुक्रवार, 20 जून को देर रात हासिल हुई, जब ईरान के मशहद शहर से 290 भारतीय छात्रों को लेकर एक विशेष चार्टर विमान दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर सुरक्षित उतरा। इन छात्रों में अधिकांश जम्मू-कश्मीर के थे, जबकि कुछ हरियाणा, दिल्ली और पश्चिम बंगाल से थे।
यह विमान, जो भारतीय अधिकारियों के समन्वय से एक ईरानी एयरलाइन द्वारा संचालित था, रात करीब 11:30 बजे दिल्ली पहुंचा। विदेश मंत्रालय के सचिव (सीपीवी और ओआईए) अरुण कुमार चटर्जी ने विमान का स्वागत किया और बताया कि 190 छात्र जम्मू-कश्मीर के थे। हाल के दिनों में ईरान में इजरायल के साथ बड़े पैमाने पर हवाई बमबारी और जवाबी मिसाइल हमलों के कारण सुरक्षा स्थिति बिगड़ने से ये छात्र वहां फंसे हुए थे। उनकी सुरक्षित वापसी ने उनके परिवारों को बड़ी राहत दी है।
Operation Sindhu का मिशन
‘ऑपरेशन सिंधु’ का मुख्य उद्देश्य ईरान में मौजूद लगभग 1,000 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाना है, जिनमें ज्यादातर पेशेवर कोर्स करने वाले छात्र और धार्मिक तीर्थयात्री शामिल हैं। ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को चल रहे संघर्ष के कारण बंद कर रखा था, लेकिन भारत के लिए विशेष छूट देते हुए निकासी उड़ानों की अनुमति दी। इस सहयोग के कारण मशहद से दिल्ली तक सीधी उड़ान संभव हो सकी। इससे पहले, छात्रों को तेहरान से सुरक्षित शहरों जैसे क़ोम और फिर मशहद ले जाया गया था, ताकि उनकी निकासी आसान हो सके।
पहले चरण की सफलता
यह ऑपरेशन सिंधु के तहत पहली उड़ान नहीं थी। गुरुवार, 19 जून को 110 भारतीय छात्रों का पहला जत्था, जो ज्यादातर उर्मिया विश्वविद्यालय से थे, दिल्ली पहुंचा था। इन छात्रों को पहले सड़क मार्ग से आर्मेनिया ले जाया गया और फिर येरेवन से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी गई। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति पर लगातार नजर रखी और पुष्टि की कि उनके राज्य के और भी छात्रों को सड़क मार्ग से आर्मेनिया ले जाया जा रहा है, जहां से उन्हें हवाई मार्ग से भारत लाया जाएगा।
भारत-ईरान सहयोग
Operation Sindhu: ईरान का हवाई क्षेत्र बंद होने के बावजूद भारत के लिए उड़ानों की अनुमति देना दोनों देशों के बीच सहयोग का एक उल्लेखनीय उदाहरण है। यह ऑपरेशन न केवल भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि कठिन परिस्थितियों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की ताकत को भी उजागर करता है।