मनीष सिसोदिया से पूछे गए 37 सवाल, कैबिनेट और अफसरों को बताया जिम्मेदार

मनीष सिसोदिया : भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से क्लासरूम घोटाले को लेकर 37 सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने किसी फैसले की जिम्मेदारी नहीं ली। पूछताछ के दौरान उन्होंने अधिकतर निर्णयों की जिम्मेदारी कैबिनेट और अधिकारियों पर डाल दी। ACB प्रमुख मधुर वर्मा ने बताया कि सिसोदिया वित्त समिति के चेयरमैन थे, फिर भी उन्होंने यह नहीं बताया कि कौन सा निर्णय उन्होंने खुद लिया। सीवीसी की रिपोर्ट 2012 में आई थी, लेकिन इसे 2025 तक दबाकर रखा गया। रिपोर्ट पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई, और कीमतें दोगुनी होने पर भी स्पष्ट जवाब नहीं मिला।

सिसोदिया से एसीबी की साढ़े तीन घंटे तक पूछताछ

भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से क्लासरूम घोटाले के मामले में शुक्रवार को करीब साढ़े तीन घंटे पूछताछ की। ACB प्रमुख ने बताया कि सिसोदिया ने किसी सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दिया और जिम्मेदारी भी नहीं ली। यह मामला दिल्ली सरकार के स्कूलों में 12,000 से अधिक कक्षाओं के निर्माण में हुई 2,000 करोड़ रुपये की गड़बड़ियों से जुड़ा है। आम आदमी पार्टी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है।

सिसोदिया का भाजपा पे हमला

पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने उनके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज की है क्योंकि उसे काम करना नहीं आता। उन्होंने कहा कि भाजपा जनता का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए ये सब कर रही है। दिल्ली में शिक्षा, बिजली और पानी के लिए कुछ नहीं किया गया। आतिशी ने भी आरोप लगाया कि पिछले 10 साल में भाजपा ने आप नेताओं पर 200 से ज्यादा झूठे केस किए, लेकिन एक भी रुपया भ्रष्टाचार में नहीं मिला।