UPSC Success Story: आज के दौर में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं, लेकिन कई बार पारिवारिक जिम्मेदारियां और सामाजिक दबाव उनके सपनों के रास्ते में रुकावट बन जाते हैं। फिर भी कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं, जो हर चुनौती को पार कर अपने लक्ष्य को हासिल कर लेती हैं। ऐसी ही कहानी है मिन्नू जोशी की, जो केरल के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखती हैं।
पिता की मौत ने बदली जिंदगी
मिन्नू के पिता केरल पुलिस में अधिकारी थे। लेकिन ड्यूटी के दौरान ही उनका दुखद निधन हो गया। पिता की इच्छा थी कि उनकी बेटी एक दिन देश की सेवा एक अफसर बनकर करे। मिन्नू ने पिता के इस सपने को अपनी ज़िंदगी का मकसद बना लिया। पिता की मौत के बाद उन्हें पुलिस विभाग में क्लर्क की नौकरी मिल गई, लेकिन मन में कहीं न कहीं अफसर बनने की चाह बाकी थी।
पढ़ाई नहीं रोकी
नौकरी के साथ-साथ मिन्नू ने पढ़ाई भी जारी रखी। उन्होंने केरल विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके साथ ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी। ये राह आसान नहीं थी, क्योंकि इस बीच उनकी शादी हो चुकी थी और वे एक बच्चे की मां भी बन चुकी थीं। परिवार, बच्चा, नौकरी और पढ़ाई—इन सबको संभालना किसी भी इंसान के लिए बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन मिन्नू ने कभी हार नहीं मानी।
खुद की मेहनत से पास की UPSC
मिन्नू ने साल 2015 में UPSC की तैयारी शुरू की। कई सालों तक कड़ी मेहनत करने के बाद उन्होंने आखिरकार देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक UPSC को पास कर दिखाया। उन्होंने 150वीं रैंक हासिल की और एक अफसर बनने का अपना सपना पूरा किया। सबसे खास बात ये रही कि उन्होंने बिना किसी कोचिंग के, पूरी तरह से खुद पढ़ाई करके ये सफलता पाई।
परिवार बना मजबूत सहारा
इस सफलता में उनके परिवार का भी बड़ा योगदान रहा। पति और मां ने घर और बच्चे की ज़िम्मेदारियां संभालकर मिन्नू को पढ़ाई का समय दिया। मिन्नू आज लाखों महिलाओं के लिए एक प्रेरणा हैं जो दिखाती हैं कि अगर हौसले मजबूत हों, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।