एस. जयशंकर : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत को पड़ोसी देशों के साथ हमेशा सहज संबंधों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने यह कोशिश की है कि सरकारें बदलने के बावजूद पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते स्थिर बने रहें। इसके लिए ‘साझा हित’ पर काम किया गया है। उन्होंने कहा कि जो देश भारत से सहयोग करेगा, उसे फायदा होगा, और जो दूरी बनाएगा, उसे नुकसान उठाना पड़ सकता है। पाकिस्तान को छोड़कर बाकी देशों को यह समझ आ गई है। उन्होंने यह भी बताया कि चीन और अमेरिका के साथ भारत के रिश्तों में काफी बदलाव आए हैं।
जयशंकर का दावा, भारत ने 11 सालों में पड़ोसी देशों से संबंधों में लाई मजबूती
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहले भारत ने सीमावर्ती इलाकों में विकास पर ध्यान नहीं दिया, जो ठीक नहीं था। अब हालात बदले हैं और सीमा पर सड़कों और जरूरी सुविधाओं को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने बीते 11 वर्षों में विदेश संबंध बेहतर किए हैं।
जयशंकर ने ऑपरेशन सिंधु-गंगा का जिक्र किया, श्रीलंका-मालदीव को बताया उदाहरण
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंधु और ऑपरेशन गंगा के जरिए भारत ने अपने नागरिकों को युद्धग्रस्त इलाकों से सुरक्षित निकाला। उन्होंने बताया कि भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता और सरकारों में बदलाव हमारे लिए चुनौती है, लेकिन भारत ने ‘साझा हित’ के आधार पर रिश्ते मजबूत बनाए हैं। श्रीलंका और मालदीव में सरकारें बदलीं, फिर भी संबंध अच्छे रहे। नेपाल की राजनीति का असर होता है, लेकिन भारत को लगातार संवाद और स्थिरता बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।
जयशंकर का सख्त संदेश
एस. जयशंकर ने कहा कि 2008 का मुंबई हमला एक बड़ा बदलाव का पल था। इसके बाद भारत की सोच में परिवर्तन आया और अब देश हर गलत कदम का सख्ती से जवाब देता है। उन्होंने उरी सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि भारत ने अब दुनिया को कड़ा संदेश दिया है।