Weather Update: देश के कई राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून सक्रिय हो चुका है। अधिकांश हिस्सों में अच्छी बारिश हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 23 जून से लेकर 26 जून तक देश के अनेक क्षेत्रों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है। यह मानसून अब उत्तर-पश्चिम, मध्य और पश्चिमी भारत को भिगोने लगा है।
उत्तर-पश्चिम भारत पर भारी बारिश का असर
23 से 26 जून तक उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। विशेष रूप से उत्तराखंड में भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आ रही हैं, जिससे कई मार्ग बाधित हो चुके हैं। प्रशासन ने यात्रियों और श्रद्धालुओं से सतर्क रहने को कहा है।
मध्य भारत में वर्षा का जोर
मध्य प्रदेश में 23 से 27 जून के बीच जोरदार बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग ने बताया है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश में 23 और 24 जून को कुछ क्षेत्रों में अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है, जिसमें 20 सेमी से अधिक बारिश होने की संभावना है। इसी तरह, पूर्वी राजस्थान में भी इसी अवधि में मूसलाधार बारिश का अनुमान है।
पूर्वोत्तर भारत में लगातार बारिश
पूर्वोत्तर भारत में अगले तीन दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश जारी रहने की संभावना है। असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और सिक्किम जैसे राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी की गई है। इसके बाद चार दिनों तक कुछ स्थानों पर वर्षा थोड़ी हल्की हो सकती है, लेकिन अस्थिर बनी रहेगी।
बिहार और झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट
बिहार के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में एक निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है, जिसके प्रभाव से 23 और 24 जून को अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है। झारखंड में भी 23, 24 और 25 जून को तेज बारिश के आसार हैं। इन राज्यों में बाढ़ और जलभराव की स्थिति बनने की आशंका है।
गुजरात, कोंकण और महाराष्ट्र में मानसून की तेज बौछारें
23 से 27 जून तक गुजरात, कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मराठवाड़ा क्षेत्र में भी बारिश की संभावना बनी हुई है, जिससे किसानों और ग्रामीण इलाकों को राहत मिलेगी। साथ ही, हल्की से मध्यम बारिश लगातार जारी रह सकती है।
राजस्थान में माउंट आबू बना सबसे बारिश वाला स्थान
राजस्थान में मानसून ने जोर पकड़ लिया है। बीते 24 घंटों में माउंट आबू में सर्वाधिक 180 मिमी बारिश दर्ज की गई। पूर्वी राजस्थान में लगभग सभी स्थानों पर बारिश हुई, जिनमें कई जगहों पर भारी से अति भारी बारिश देखी गई। आने वाले दिनों में भी वर्षा का सिलसिला जारी रह सकता है।
हिमालय क्षेत्र और उप-हिमालयी राज्यों पर बारिश का असर
हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल व सिक्किम में 23 से 27 जून के बीच भारी बारिश की संभावना है। इन क्षेत्रों में पहाड़ी ढलानों पर भूस्खलन और सड़क अवरोधों की आशंका बनी हुई है। प्रशासन को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
वायुमंडलीय प्रणाली और मानसून की स्थिति
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम बिहार और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है। मध्य क्षोभमंडल में एक ऊपरी चक्रवाती परिसंचरण भी सक्रिय है। वहीं उत्तर-पूर्वी राजस्थान में निचले क्षोभमंडल में साइक्लोनिक सर्कुलेशन मौजूद है, जो मानसून को और अधिक सक्रिय बना रहा है।
टर्फ लाइन का प्रभाव और संभावित खतरे
एक मानसूनी टर्फ लाइन उत्तर-पूर्वी बांग्लादेश से लेकर दक्षिण गुजरात तक फैली हुई है, जो दक्षिण-पश्चिम बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान के मध्य भागों से होकर गुजर रही है। इसके कारण इन क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है। नदी-नालों के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो सकती है।