आजकल सोशल मीडिया पर रील्स बनाना एक आम चलन बन गया है। लोग सस्ती लोकप्रियता और लाइक्स बढ़ाने के लिए किसी भी मुद्दे पर वीडियो बना लेते हैं, चाहे वह विषय गंभीर हो या नहीं। लेकिन अब एक ऐसी रील वायरल हो रही है जिसने उज्जैन की प्रसिद्ध विक्रम यूनिवर्सिटी को लेकर विवाद खड़ा कर दिया है।
वायरल रील में क्या कहा गया?
इंस्टाग्राम पर ‘अवंतिका प्रेमी 17’ नाम से बने अकाउंट से एक रील शेयर की गई है, जिसमें विक्रम यूनिवर्सिटी के गेट पर दो युवक आपस में सवाल-जवाब करते नजर आते हैं। वीडियो में एक युवक पूछता है, “विक्रम यूनिवर्सिटी की खासियत क्या है?” इस पर दूसरा युवक जवाब देता है, “यहां जो स्टूडेंट मेहनत करते हैं, पढ़ाई में टॉप करते हैं, वो फेल हो जाते हैं। लेकिन जो बिना पढ़ाई किए परीक्षा में बैठते हैं, वो अच्छे नंबरों से पास हो जाते हैं।” इस रील के माध्यम से यूनिवर्सिटी की परीक्षा प्रणाली और प्लेसमेंट प्रक्रिया पर तंज कसा गया है।
यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दी सख्त प्रतिक्रिया
जब इस वायरल रील के बारे में विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा से पूछा गया तो शुरुआत में उन्होंने ऐसी किसी रील की जानकारी होने से इनकार किया। लेकिन जब उन्हें पूरी बात बताई गई तो उन्होंने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, “इस तरह की झूठी और भ्रामक रील बनाकर यूनिवर्सिटी की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जल्द ही ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।”
विक्रम यूनिवर्सिटी की साख और इतिहास
विक्रम यूनिवर्सिटी उज्जैन की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1957 में राजा विक्रमादित्य के नाम पर की गई थी। यह यूनिवर्सिटी शिक्षा के क्षेत्र में अपने बेहतरीन इतिहास और हजारों विद्यार्थियों के सफल करियर के लिए जानी जाती है। यहीं से पढ़े हुए कई छात्र आज देश-विदेश में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री भी यहीं से पढ़े हैं
गौर करने वाली बात यह है कि मध्यप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी विक्रम यूनिवर्सिटी से ही पढ़ाई की है। यही नहीं, जब वे उच्च शिक्षा मंत्री थे, तब भी विक्रम यूनिवर्सिटी ने कई राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धियां हासिल की थीं। ऐसे में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही यह रील ना सिर्फ यूनिवर्सिटी की साख पर सवाल खड़े कर रही है, बल्कि छात्रों और शिक्षकों की मेहनत का भी अपमान है।