इंडिगो में पायलट को बोले अधिकारी- ‘प्लेन उड़ाने लायक नहीं हो, जाओ जूते सिलो’

अहमदाबाद प्लैन हादसे के बाद विमान कंपनियों में चल रही खामियां लगातार सामने आ रही है। जिसके चलते 12 जून से 23 जून तक में कई फ्लाइटें उडान भरने के पहले रोक दी गई है या बीच रास्ते से लौट आई है। इसी बीच एक ऐसी खबर आई है जिसने विमान कंपनियों में स्टॉफ को दी जा रही प्रताड़नाओं को सामने ला दिया है। मामला विगत महीनें में हुआ था जिसमें इंडिगों कंपनी के द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया गया तो ट्रेनी पायलट पुलिस थाने तक पहुंच गया।

इंडिगों कंपनी के पायलट ने दर्ज कराई एफआईआर
ट्रेनी पायलट का कहना है कि अधिकारियों ने उससे कहा कि “वो प्लेन उड़ाने लायक नहीं है, जाए और जूते सिले” दरअसल, ये पायलट अनसूचित जाति से ताल्लुक रखता है। जिसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें इंडिगो के अधिकारियों तपस डे, मनीष साहनी और कैप्टन राहुल पाटिल के खिलाफ एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इंडिगो फ्लाइट के ट्रेनी पायलट ने तीन सीनियर अधिकारियों पर जातिवाद का आरोप लगाया है।

गुरूग्राम में ट्रांसफर होगा केस
इंडिगो के अधिकारियों मनीष साहनी, तपस डे और कैप्टन राहुल पाटिल के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। मामले में पहले बेंगलुरु में शिकायत की गई, जहां पर पुलिस ने जीरो एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद इसे गुरुग्राम में ट्रांसफर कर दिया गया, जहां पर इंडिगो का हेडक्वार्टर है। यहां बता दें कि जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस थाने में दर्ज की जा सकती है, चाहे अपराध कहीं भी हुआ हो।

बैठक में हुई थी बहस
अपनी शिकायत में ट्रेनी पायलट ने 28 अप्रैल को गुरुग्राम में इंडिगो के हेडक्वार्टर में हुई एक बैठक का हवाला दिया है। ये बैठक लगभग 30 मिनट तक चली और इस दौरान शिकायतकर्ता से कहा गया, “तुम विमान उड़ाने लायक नहीं हो, वापस जाओ और चप्पलें सिलवाओ। तुम यहां चौकीदार भी बनने लायक नहीं हो।” ट्रेनी पायलट का आरोप है कि उसका उत्पीड़न इसलिए किया गया क्योंकि अधिकारी उनका इस्तीफा चाहते थे।

इंडिगो में भी की थी शिकायत
इसके अलावा पायलट ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें पेशेवर उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। उनकी बिना वजह वेतन कटौती की गई, रिट्रेनिंग सेशन्स के लिए मजबूर किया गया और बिना वजह के वॉर्निंग लेटर्स जारी किए गए। उन्होंने कहा कि, उन्होंने इस मामले को उच्च अधिकारियों और इंडिगो के नैतिकता पैनल के समक्ष उठाया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने कहा कि आखिरकार उन्हें पुलिस शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर होना पड़ा।