बालाघाट जिले के जनपद शिक्षा केंद्र परसवाड़ा में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला दलवाड़ा में एक ओर चौंका देने वाला मामला सामने आया है। जहां मध्याह्न भोजन बनाने वाली रसोइया का पैसा प्राचार्य की बहन के खाते में चला गया।
मामले की शिकायत शिक्षा विभाग, जिला पंचायत सीईओ, जनपद सीईओ, सहायक आयुक्त जन जाति कार्य विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी के अलावा कलेक्टर की जनसुनवाई में भी की गई। जिसकी जांच होने पर रसोइया का वेतन स्कूल के प्रभारी प्रधानपाठक की बहन के खाते में जमा होना सामने आया, लेकिन अभी तक दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है और ना ही रसोइया को मानेदय दिया गया।
काम से हटाया नहीं दिया मानदेय
इस स्कूल में कार्य कर रही रसोइया सीता बाई पति सुखेसिंह तेकाम ने बताया कि एक जुलाई 2009 से वह स्कूल में मध्याह्न भोजन बनाने का कार्य कर रही थी। उसे काम से हटा दिया गया। इसके बाद 11 माह का मानदेय अभी तक उसको नहीं दिया गया।
44 हजार का कर दिया गबन
सीता बाई को बच्चों की संख्या कम होने पर भोपाल से फोन आने का हवाला देकर कार्य से बंद कर दिया। इधर, दूसरी रसोइया मथुरा बाई मर्सकोले जिनकी नियुक्ति उसके बाद हुई थी, जिसे कार्य पर रख लिया गया। भोपाल से फोन नंबर की जानकारी लेने पर जनपद शिक्षा केंद्र परसवाड़ा के नरेंद्र शरणागत (बीएसी) एमडीएम प्रभारी का पाया गया। जिसमें सामने आया कि प्रधानपाठक ने अपनी सुनीता बाई पति दोहाराम राहंगडाले के नाम से फर्जी प्रस्ताव तैयार कर रसोइया का मानदेय भुगतान कराया। इसके साथ ही प्रधानपाठक व बीएसी दोनों के आपसी मिलकर 44 हजार रुपये की शासकीय राशि का गबन कर लिया।
ऐसे मिला फर्जी खाता
महिला सुनीता बाई के नाम से रसोइया की राशि डाली गई है वह महिला ग्राम दलवाड़ा की नहीं है बल्कि ग्राम चनई खलौंडी की हैं। जबकि सुनीता पिता दोहाराम राहंगडाले को स्कूल में कार्य करते किसी ने भी नहीं देखा गया और 11 माह की राशि 44 हजार उसके खाते में कैसे डाल दी गई। मामला सामने आने पर 23 जनवरी 2025 को जिला पंचायत का एक दल निरीक्षण करने स्कूल पहुंचा। जांच दल ने विभागीय कार्रवाई के दौरान सीता बाई का सबूत प्रधानपाठक अनिता क्षीरसागर से नहीं मांगा गया, जो संदेह घेरे में हैं।
अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
ग्राम चनई खलौंडी की रहने वाली सुनीता राहंगडाले को स्कूल में कभी कार्य करते नहीं देखा गया। उसके बाद भी खाते में प्रधानपाठक अनिता क्षीरसागर ने अपनी बहन के खाते में 11 माह की राशि डलवा दी। जब सीता बाई तेकाम बीआरसी कार्यालय गई तो वहां उसे कहा गया कि उसके खाते में पैसे जमा हो गए है। बैंक से पता लगाने पर भी कोई राशि जमा नहीं हो पाई थी। जिससे कार्रवाई से बचने के लिए छह मार्च 2025 को जिला पंचायत में यह राशि वापस की गई। लेकिन यह खेल खेलने वाले आरोपी अब भी कार्रवाई से बचे हुए है।
मामले की रिपोर्ट बीआरसी को भेजी
जन शिक्षक पीएस मसराम ने बताया कि जांच में पाया गया कि स्कूल की प्रधानपाठक और एमडीएम प्रभारी शरणागत ने रसोइया की मानदेय की राशि को प्रधानपाठक ने अपने बहन की खाते में डाला गया था। जिसकी रिपोर्ट बीआरसी को दे दी गई। वहीं, जनपद शिक्षा केंद्र परसवाड़ा के बीआरसी अरूण बिठले ने बताया कि रसोइया की शिकायत के संबंध में जांच जारी है। जांच अनुविभागीय अधिकारी परसवाड़ा द्वारा किया जा रहा है। मैं प्राथमिक शाला दलवाड़ा जांच के लिए गया था। जिसका जांच प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को प्रेषित किया जाएगा।