MP का ये ‘सीक्रेट’ हिल स्टेशन है इतना खास कि CM भी यहां करते हैं बैठक, सबसे ऊंची और …

मध्य प्रदेश के होशंगाबाद (अब नर्मदापुरम) जिले में स्थित पचमढ़ी राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है, जो समुद्र तल से करीब 1,067 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। यह स्थान सतपुड़ा पर्वतमाला की गोद में स्थित है और चारों ओर घने जंगलों, झरनों और गुफाओं से घिरा है। अपनी नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण की वजह से इसे मध्यप्रदेश का ‘सीक्रेट हिल स्टेशन’ कहा जाता है। यहां पर्यटन तो कम होता है, लेकिन राज्य सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण केंद्र बना हुआ है।

CM भी करते हैं यहां बैठकों का आयोजन

पचमढ़ी की विशेषताओं में से एक यह भी है कि यहां कई बार मुख्यमंत्री और वरिष्ठ अधिकारी बैठकों के लिए आते हैं। इसका मुख्य कारण है यहां की शांत और एकाग्रता से भरी हुई जलवायु। प्राकृतिक माहौल में आयोजित ये बैठकें अधिकारियों को किसी भी योजना पर गहराई से विचार करने का अवसर देती हैं। सुरक्षा और गोपनीयता की दृष्टि से भी पचमढ़ी को आदर्श स्थान माना जाता है। यही वजह है कि यहां कई बार कैबिनेट मीटिंग्स और रणनीतिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।

प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व का केंद्र

पचमढ़ी सिर्फ एक हिल स्टेशन नहीं, बल्कि धार्मिक, ऐतिहासिक और जैविक विविधता से भरपूर क्षेत्र है। यहां स्थित महादेव गुफा, जटाशंकर गुफा, पांडव गुफाएं और बी फॉल्स जैसी जगहें इसे अनोखा बनाती हैं। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास का कुछ समय यहां बिताया था। इसके अलावा, पचमढ़ी सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का भी हिस्सा है, जहां अनेक दुर्लभ वन्य प्रजातियां पाई जाती हैं।

सेना की छावनी और सीमित पर्यटन

पचमढ़ी की एक और खासियत यह है कि यह एक सेना की छावनी क्षेत्र (Cantonment Area) भी है, जिसकी वजह से यहां अनियंत्रित भीड़भाड़ नहीं होती। यही वजह है कि यह जगह आज भी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और साफ-सफाई के लिए जानी जाती है। पर्यटन विभाग पचमढ़ी को एक एलीट हॉलिडे डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रहा है। यहां हर साल नवंबर में आयोजित होने वाला पचमढ़ी उत्सव भी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।