भारत में PLI के12 क्षेत्रों को मिली 21,534 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि

भारत सरकार ने ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना’ PLI के तहत देश के 12 प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत यूनिट को अब तक 21,534 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि वितरित की है। दरअसल इस योजना का उद्देश्य भारत को वैश्विक निर्माण हब बनाना है।साथ ही ये योजना देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम माना जा रहा है।

यह जानकारी हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री Minister of Industry and Supply of India पीयूष गोयल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दी गई। पीयूष गोयल ने बैठक में कहा कि सरकार उन क्षेत्रों पर काम कर रही है जिससे हमारे देश को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिल सके। इस बैठक में गोयल ने अधिकारियों से उद्योगों को आने वाली चुनौतियों का समाधान निश्चित करने के आदेश दिए। साथ ही निर्यात को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।

पीएलआई योजना के अंतर्गत 12 प्राथमिक क्षेत्र:

इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण (LSEM),आईटी हार्डवेयर,बल्क ड्रग्स,चिकित्सा उपकरण,फार्मास्यूटिकल्स,दूरसंचार और नेटवर्किंग उत्पाद,खाद्य प्रसंस्करण, व्हाइट गुड्स,ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक, विशेष इस्पात, कपड़ा ,ड्रोन और उनके कल-पुर्जे यह 12 प्राथमिक क्षेत्र पीएलआई योजना के अंतर्गत आते है।

प्रमुख उपलब्धियां:

पीएलआई में कुल निवेश ₹1.76 लाख करोड़ का हुआ था। जिसमे कुल बिक्री लगभग ₹16.5 लाख करोड़ की बताई जा रही है ,आपको बता दे की ये डाटा मार्च 2025 तक का है।वही पीएलआई से 12 लाख से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं।
खाद्य उत्पाद में ₹9,032 करोड़ का निवेश किया गया था। जिसमे लगभग ₹3.80 लाख करोड़ का उत्पादन हुआ था।
यदि कपड़ा क्षेत्र की बात करे तो MMF वस्त्रों का निर्यात 2024-25 में बढ़कर $6 अरब हो गया है।