महाराष्ट्र चुनाव : बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। वंचित बहुजन विकास आघाड़ी के एक नेता ने चुनाव नतीजों को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। उनका दावा था कि चुनाव में गड़बड़ी हुई है। लेकिन अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि चुनाव में गड़बड़ी का कोई ठोस सबूत नहीं दिया गया है। यह याचिका सिर्फ निराशा में दायर की गई थी और इसमें लगाए गए आरोप मज़ाकिया हैं। यह फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी के धांधली के आरोपों के बीच आया है, जिससे मामले को और चर्चा मिली।
हाईकोर्ट का सवाल—पहले महाराष्ट्र चुनावों में पैटर्न पर चुप्पी क्यों?
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली के आरोपों को खारिज कर दिया है। जस्टिस जीएस कुलकर्णी और जस्टिस आरिफ डॉक्टर की पीठ ने पूछा कि जब 2024 के लोकसभा चुनावों में भी ऐसा ही मतदान पैटर्न था, तो तब इसे चुनौती क्यों नहीं दी गई। कोर्ट ने कहा कि जब तक यह साबित न हो कि शाम 6 बजे के बाद पड़े वोट किसी उम्मीदवार की जीत में मददगार रहे, तब तक याचिका अधूरी है। कोर्ट ने कहा कि इस पर सुनवाई में समय बर्बाद हुआ। याचिका में 76 लाख वोटों की वैधता पर सवाल उठाया गया था।
धांधली के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जताई सख्त आपत्ति
चुनाव आयोग ने कोर्ट में कहा कि एक व्यक्ति की मांग पर पूरे महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों का चुनाव रद्द नहीं किया जा सकता। आयोग ने सवाल उठाया कि याचिका में किसी भी विजयी उम्मीदवार को पक्षकार नहीं बनाया गया है, तो फिर चुनाव रद्द कैसे किया जा सकता है। आयोग ने यह भी कहा कि हर चुनाव में शाम 6 बजे के बाद भी वोटिंग होती है, लेकिन इस बार ही इसे मुद्दा क्यों बनाया गया है, यह समझ से बाहर है।