छत्तीसगढ़ की ‘रहस्यमयी गुफा’ लंबे समय के लिए हुई बंद! विदेशों से भी आते थे पर्यटक, अब क्या होगा?

छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित कोटमसर गुफा को एशिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक चूना-पत्थर की गुफा माना जाता है। यह गुफा कांगेर वैली नेशनल पार्क के भीतर स्थित है और अपनी रहस्यमयी संरचना और सुंदरता के लिए जानी जाती है। यहां का माहौल ठंडा और नम रहता है, जो इसे बाकी गुफाओं से अलग बनाता है। गुफा के अंदर जाने पर आपको विभिन्न आकृतियों में चूना-पत्थर की संरचनाएं देखने को मिलती हैं, जिन्हें देखकर ऐसा लगता है मानो किसी कलाकार ने इन्हें तराशा हो।

पर्यटकों के लिए है आकर्षण का केंद्र

कोटमसर गुफा न केवल भारत बल्कि विदेशों से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां सालभर हजारों की संख्या में सैलानी आते हैं। मार्च से जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पांच लाख से ज्यादा लोग इस गुफा को देखने आए हैं। इनमें से कई विदेशी पर्यटक भी थे, जिन्होंने इस अद्भुत गुफा की गहराईयों को समझने की कोशिश की। इसके रहस्यमयी वातावरण और वैज्ञानिक महत्व के कारण इसे देखने के लिए पर्यटक बार-बार लौटते हैं।

फिलहाल कुछ समय के लिए बंद होगी गुफा

हाल ही में वन विभाग ने घोषणा की है कि कोटमसर गुफा को कुछ दिनों के लिए पर्यटकों के लिए बंद किया जाएगा। इसका कारण गुफा के अंदर की जैव विविधता और पर्यावरण संतुलन बनाए रखना बताया गया है। हर साल मॉनसून और कुछ महीनों के दौरान यहां मरम्मत और सफाई का काम होता है ताकि गुफा को संरक्षित रखा जा सके। साथ ही जीव-जंतुओं की सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया जाता है।

प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित रखने की कोशिश

कोटमसर गुफा सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक धरोहर भी है। इसके अंदर की विशेष बनावट, दुर्लभ जीव-जंतु और शांति भरा वातावरण इसे खास बनाते हैं। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन इस गुफा को लंबे समय तक सुरक्षित और सुंदर बनाए रखने के लिए हर साल विशेष प्रयास करता है। उम्मीद है कि कुछ समय की बंदी के बाद यह गुफा और बेहतर स्थिति में पर्यटकों का स्वागत करेगी।