मध्य प्रदेश की राजनीति एक बार फिर चर्चा में है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को मानहानि के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने उन्हें 21 जुलाई को व्यक्तिगत रूप से पेश होने और अपना बयान दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। यह मामला पनागर से बीजेपी विधायक सुशील इंदु तिवारी द्वारा दायर परिवाद के आधार पर दर्ज किया गया है।
2023 में लगाए थे कालाबाजारी के आरोप
साल 2023 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान दिग्विजय सिंह ने जबलपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें उन्होंने विधायक तिवारी पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत मिलने वाले 50 प्रतिशत अनाज की कालाबाजारी में लिप्त होने का गंभीर आरोप लगाया था। इस बयान को लेकर सुशील इंदु तिवारी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए इसे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और दिग्विजय सिंह के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया।
कोर्ट ने दिया व्यक्तिगत पेशी का निर्देश
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में विधायक तिवारी और गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इसके बाद विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी कर उन्हें 21 जुलाई को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है। यह सुनवाई अब राजनीतिक नजरिए से बेहद अहम मानी जा रही है, क्योंकि मामला एक बड़े नेता और मौजूदा विधायक के बीच कानूनी लड़ाई का रूप ले चुका है।
सियासी हलकों में मचा हड़कंप
इस पूरे मामले ने मध्य प्रदेश की राजनीति में गर्मी ला दी है। कांग्रेस इसे अभिव्यक्ति की आजादी का मामला बता रही है, जबकि बीजेपी इसे एक सुनियोजित साजिश करार दे रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों के पहले ऐसे मामलों से माहौल और भी तनावपूर्ण हो सकता है। अब सबकी नजरें 21 जुलाई की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां दिग्विजय सिंह का पक्ष सामने आएगा और मामला नई दिशा ले सकता है।