गुजरात हाई कोर्ट ने 2013 के रेप केस मामले में संत आसाराम को राहत दी. उसकी अस्थायी जमानत को 7 जुलाई तक बढ़ा दिया. इस मामले में वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.जस्टिस इलेश वोरा और संदीप भट्ट की खंडपीठ ने याचिका की सुनवाई के दौरान आसाराम की अस्थायी जमानत को तीन महीने से बढ़ा दिया, जो पहले 28 मार्च को दी गई थी. इसकी अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है।
इससे पहले आसाराम बापू(Asaram Bapu) को गुजरात हाई कोर्ट(Gujarat High Court) से राहत मिली है। कोर्ट ने पहली उनकी अंतरिम जमानत 30 जून तक बढ़ा दी थी। उन्हें यह जमानत मेडिकल आधार पर दी गई थी। 86 वर्षीय आसाराम बापू को 2013 के एक बलात्कार मामले में 2023 में दोषी ठहराया गया था। वह आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मेडिकल आधार पर अंतरिम जमानत दी थी। तब गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी अस्थायी जमानत 30 जून तक बढ़ा दी है। आसाराम बापू ने हाई कोर्ट में छह महीने की अस्थायी जमानत याचिका दायर की थी। उनके वकील ने तर्क दिया कि डॉक्टरों ने उन्हें पंचकर्म थेरेपी कराने की सलाह दी है। यह 90 दिनों का इलाज है। जमानता मिलने के बाद आसाराम इंदौर स्थित आसाराम आश्रम में भी आए थे।
भक्तों से की थी मुलाकात
हाईकोर्ट ने आसाराम को अस्थाई जमानत दी थी इसके बाद आसाराम इंदौर पहुंचा था। हाईकोर्ट ने उन्हें किसी भी भक्तो से मुलाकात से मना किया था। लेकिन इसके बावजूद वह भक्तों से मुलाकात कर रहे थे जिसकी खबर मीडिया में आई थी इसके बाद आसाराम ने इंदौर से रवानगी डाल दी थी वहीं आसाराम की एक बार फिर से जमानत का आगे बढ़ा कर आसाराम को राहत दी है।