टोल टैक्स तो वसूली जा रही, पर सड़कें बदहाल! घंटों जाम में फंसी जनता, जिम्मेदार कौन?

मध्यप्रदेश की सड़कों पर एक बार फिर सफर अब सजा बन चुका है। जर्जर हाईवे, खतरनाक गड्ढे और बेतहाशा जाम जिसमें जनता दिन- रात परेशान हो रही है। हाईवे पर लगातार जनता से टोल टैक्स वसूला जा रहा है। लेकिन सड़कें चलने लायक नही है तो फिर क्यों हर सड़क पर टोल टैक्स वसूला जा रहा है।

इंजीनियर महज़ तनख्वाह पाने के लिए
यहीं अब सड़कों को लेकर एक बार फिर कांग्रेस पार्टी इस पर अपनी आवाज  मुखर करने में जुटी है इसी के चलते प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एडवोकेट प्रमोद कुमार द्विवेदी ने इस पर तीखा हमला बोला है। कि  “क्या प्रदेश में तैनात सड़क परिवहन निगम के इंजीनियर महज़ तनख्वाह पाने के लिए हैं?” मप्र सड़क विकास निगम के पास 45 इंजीनियर और इंदौर में 4 इंजीनियर पदस्थ हैं, जिनकी मासिक सैलरी लाखों में है। फिर भी सड़कों की हालत इतनी खस्ता क्यों? क्या ये इंजीनियर अपनी ड्यूटी ईमानदारी से नहीं निभा रहे। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि अब सरकार खुद मान रही है कि इन इंजीनियरों से कुछ नहीं होगा, इसलिए सड़कों की निगरानी और मेंटेनेंस के लिए निजी इंजीनियरों की सेवाएं ली जाएंगी। तो क्या सरकारी इंजीनियर सिर्फ ‘कागजी खानापूर्ति’ के लिए हैं।

वैकल्पिक मार्ग नहीं
धार-अहमदाबाद हाईवे हो या  इंदौर-भोपाल,  इंदौर-उज्जैन,  उज्जैन-आगर मालवा, या रतलाम, मक्सी – हर सड़क पर जाम और गड्ढों का मेला है। जहां कहीं निर्माण कार्य चल रहा है, वहां कोई वैकल्पिक मार्ग नहीं,  न कोई चेतावनी,  न कोई मार्गदर्शन। सड़कों के हालात खुद चीख-चीख कर बता रहे हैं कि निगरानी नाम की चीज़ ज़मीन पर नहीं दिख रही है।

सड़क विकास निगम नजरों से है दूर
कांग्रेस ने आरोप लगाय है कि क्या सड़क विभाग के पास इतना भी वक्त नहीं कि वे इन जगहों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुधार सकें? जबकि सड़क विकास निगम के अधिकारी यदि सड़कों पर निकल कर निगरानी रखे तो जनता को रोज परेशानी ना झेलना पड़ेगी।

4400 किलोमीटर सड़कों की हालत राम भरोसे
मप्र के इंदौर डिविजन में 505, उज्जैन में 900, भोपाल में 525, सागर में 562, धार में 523, जबलपुर व ग्वालियर में 378-378, रीवा में 374 और नर्मदापुरम डिविजन में 272 किलोमीटर सड़कें हैं। यहां कुल मिलाकर करीब 4400 किलोमीटर सड़कें अब निजी हाथों में सौंप दी गई हैं, लेकिन निगरानी का काम फिर भी सरकार के जिम्मे है।

देवास-इंदौर हाईवे पर मौत का जिम्मेदार कौन?
देवास-इंदौर हाईवे पर लगातार जाम में फंसने के कारण तीन लोगों की मौत ने फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके बाद कांग्रेस ने मप्र सड़क विकास निगम से जाम में फंसने के कारण परिवार को मुआवजा दे, जिम्मेदार कंपनियों पर जुर्माना लगाएं। यहीं ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू करने के लिए निजी कर्मियों की तैनाती का आदेश दे।