पश्चिमी देशों पर जमकर बरसे पुतिन, लगाया विश्वासघात करने का आरोप

Putin:  रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिमी देशों पर रूस के खिलाफ अलगाववाद को बढ़ावा देने और आतंकवाद को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया है। बेलारूस की राजधानी मिन्स्क में आयोजित यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) शिखर सम्मेलन में बोलते हुए पुतिन ने नाटो की आलोचना की और दावा किया कि यह संगठन रूस की कथित “आक्रामकता” को बहाना बनाकर अपनी सैन्य खर्च को बढ़ा रहा है।

पश्चिमी देशों पर बरसे Putin

पुतिन ने कहा, “जब तक इस्लामिक स्टेट रूस के खिलाफ काम करता है, तब तक कोई उस पर ध्यान नहीं देना चाहता। मॉस्को में विस्फोट और ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन पश्चिमी देश इसे अनदेखा करते हैं। उनके लिए सब ठीक है, जब तक यह रूस के खिलाफ हो।”

रूस की सरकारी प्रसारक के अनुसार, पुतिन ने पश्चिमी देशों पर नाटो के पूर्वी विस्तार और यूक्रेन संकट को सुलझाने के लिए किए गए वादों को बार-बार तोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “पश्चिमी देशों ने नाटो विस्तार और यूक्रेन संकट के समाधान को लेकर किए गए अपने वादों को पूरा नहीं किया, जिससे रूस के साथ विश्वासघात हुआ है।”

पुतिन ने दावा किया कि यूक्रेन संकट की जड़ें कई दशकों पुरानी हैं, जब नाटो के विस्तार को लेकर मॉस्को को “खुलेआम झूठ” बोला गया। उन्होंने कहा कि रूस की सुरक्षा चिंताओं को बार-बार नजरअंदाज किया गया, जिसके परिणामस्वरूप यूक्रेन में तनाव बढ़ा। पुतिन ने नाटो की गतिविधियों, विशेष रूप से रूसी सीमाओं के करीब सैन्य उपस्थिति बढ़ाने को, इस संकट का प्रमुख कारण बताया।

रूसी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि पश्चिमी देश अपनी ओर से होने वाले आक्रामक व्यवहार को नजरअंदाज करते हैं। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यह आक्रामक व्यवहार नहीं है? यह ठीक वैसा ही आक्रामक रवैया है, जिसे पश्चिम देखना नहीं चाहता।” पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस अब पश्चिमी देशों के साथ “एकतरफा” संवाद में हिस्सा नहीं लेगा और वह अपनी संप्रभुता और सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं करेगा।