छत्तीसगढ़ में मानसून ने इस बार अपना रौद्र रूप दिखाया है। खासकर सरगुजा और बस्तर संभाग में भारी बारिश के कारण जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। पिछले 24 घंटे में यहां इतनी मूसलधार बारिश हुई कि निचले इलाकों में पानी भर गया और कई सड़कें नदी में तब्दील हो गईं। लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं, जबकि कई जगहों पर बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है।
सड़कें बनीं दरिया, यातायात हुआ ठप
बारिश इतनी तेज हुई कि शहरों और गांवों की मुख्य सड़कें जलभराव के कारण डूब गईं। कई जगहों पर सड़कें टूट गईं, तो कहीं पुलिया बह गईं। इससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद हो गई है। बसें, ऑटो और अन्य गाड़ियां जलभराव में फंसी पड़ी हैं। ग्रामीण इलाकों में तो लोगों को दूसरे गांव जाने के लिए नाव या ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ रहा है। बस्तर में कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
नदी-नाले उफान पर, प्रशासन सतर्क
लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सरगुजा और बस्तर की प्रमुख नदियां जैसे रिहंद, इंद्रावती, मांड और सोंढूर खतरे के निशान के पास बह रही हैं। नाले उफान पर हैं और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के पास न जाएं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट पर हैं। प्रशासन की ओर से कुछ इलाकों में राहत शिविर भी बनाए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को वहां शिफ्ट किया जा सके।
कृषि और जनजीवन पर असर
भारी बारिश ने किसानों की चिंता भी बढ़ा दी है। जहां एक ओर खेतों में पानी भर गया है, वहीं कई जगह धान के बीज बह गए हैं। इससे खरीफ फसल पर असर पड़ने की आशंका है। साथ ही छोटे दुकानदारों और दिहाड़ी मजदूरों को रोजी-रोटी का संकट भी सताने लगा है, क्योंकि बारिश के चलते बाजारों में सन्नाटा है और कामकाज ठप हो गया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक और तेज बारिश की चेतावनी दी है, जिससे लोगों की चिंता और बढ़ गई है।