मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े के बाद अब एक और बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस बार ग्वालियर, रीवा और इंदौर सहित कई विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेज फर्जी पाए गए हैं। सबसे ज्यादा 19 कॉलेज ग्वालियर में मिले हैं।
मान्यता रद्द करने की तैयारी, एडमिशन पर रोक
फर्जीवाड़े का खुलासा होते ही उच्च शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों की मान्यता खत्म करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही इन 83 कॉलेजों में नए सत्र से छात्रों के एडमिशन पर भी रोक लगा दी गई है।
खेत में निकला कॉलेज, 900 छात्रों को दी गई डिग्री
ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी से संबद्ध विंग्स कॉलेज का मामला सबसे चौंकाने वाला निकला। यूनिवर्सिटी के रिकॉर्ड में रतवई, चितौरा रोड पर दर्ज इस कॉलेज का पता दरअसल खेत निकला। जबकि यहां से 900 छात्रों को डिग्रियां भी दी जा चुकी हैं।
83 फर्जी कॉलेज पकड़े गए जांच में
उच्च शिक्षा विभाग की जांच में कुल 83 ऐसे कॉलेज सामने आए जो बिना बिल्डिंग या बुनियादी ढांचे के चल रहे थे। कई कॉलेज सिर्फ एक कमरे से संचालित हो रहे थे।
जनवरी में हुई थी कॉलेजों की जांच
इस साल जनवरी में उच्च शिक्षा विभाग ने मध्यप्रदेश की 9 यूनिवर्सिटी से संबद्ध 729 प्राइवेट कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कराया था। इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितताएं उजागर हुईं।
एक शिकायत से हुआ फर्जीवाड़े का भंडाफोड़
साल 2022 में ग्वालियर निवासी अरुण शर्मा ने ईओडब्ल्यू में शिकायत की थी कि झुंडपुरा में चल रहा शिवशक्ति कॉलेज फर्जी है। जांच में शिकायत सही पाई गई।
कुलगुरु समेत 18 पर केस, बर्खास्तगी भी हुई
इसके बाद ईओडब्ल्यू ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कुलगुरु अविनाश तिवारी समेत 18 प्रोफेसर और स्टाफ पर केस दर्ज किया। एक माह बाद राज्यपाल ने कुलगुरु को बर्खास्त कर दिया।
दस्तावेज फर्जीवाड़े में यूनिवर्सिटी-कॉलेज की मिलीभगत
जांच में पता चला कि कॉलेज संचालक ने कुलगुरु और अन्य आरोपियों की मदद से फर्जी दस्तावेज तैयार किए। इसके जरिए कॉलेज की मान्यता, संबद्धता और सरकारी लाभ हासिल किए गए।
जिलों में भी हुई जांच, 7 दिन में मांगी गई रिपोर्ट
उच्च शिक्षा विभाग ने हर जिले में टीम गठित कर जांच करवाई। राजस्व विभाग के अफसरों और सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों की मदद से सात दिन में रिपोर्ट तैयार कराई गई।
फर्जी कॉलेजों पर अब कार्रवाई की तैयारी
उच्च शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों की मान्यता खत्म करने, एडमिशन रोकने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। जांच में दोषी पाई गई यूनिवर्सिटी टीमों पर भी कार्रवाई की जाएगी।