मोदी के हनुमान चिराग ने क्यों छोड़ा बिहार? सियासी चाल या दबाव की जीत?

मोदी के हनुमान : बिहार की राजनीति में इस समय चुनावी हलचल तेज है और इसी बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने बयान से सभी को चौंका दिया है। अब तक वह यह कहते आ रहे थे कि वह खुद बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, लेकिन रविवार को नालंदा के राजगीर में हुई रैली में उन्होंने अपना रुख बदल दिया।

चिराग पासवान ने साफ कहा कि वह बिहार से चुनाव नहीं लड़ेंगे, बल्कि गठबंधन के साथ मिलकर सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे। उनका यह बयान आते ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। लोग अब सवाल कर रहे हैं कि आखिर चिराग पासवान, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “हनुमान” भी कहा जाता है, अचानक बैकफुट पर क्यों आ गए?

विपक्ष पर जमकर किया हमला

राजगीर में हुई ‘बहुजन भीम संकल्प समागम’ रैली में चिराग ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता पूछते हैं कि क्या चिराग पासवान बिहार से चुनाव लड़ेंगे? इस पर चिराग ने कहा, “मैं न टूटने वाला हूं, न झुकने वाला हूं और न किसी से डरता हूं। मैं चुनाव लडूंगा, लेकिन बिहार से नहीं, बिहार के लिए।”

उन्होंने यह भी बताया कि वह हर विधानसभा सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे और ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के विचार को आगे बढ़ाएंगे। इससे यह साफ हो गया है कि चिराग खुद चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे, बल्कि अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार खड़े करेंगे।

पहले चिराग के चुनाव लड़ने की बात से यह माना जा रहा था कि नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ेगा, लेकिन अब उनके पीछे हटने से नया सियासी सस्पेंस पैदा हो गया है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में चिराग की अगली चाल क्या होगी।