बिहार : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। सभी पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनाने में जुटी हैं। इसी बीच महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर घमासान शुरू हो गया है। जहां एक तरफ भाकपा ने 24 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है, वहीं अब कांग्रेस ने भी बड़ा दावा करते हुए 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की मंशा जताई है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इन 90 सीटों को तीन हिस्सों में बांटा है।
- श्रेणी ‘A’ में 50 ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस का जनाधार मजबूत है और उसे जीतने की अच्छी संभावना है।
- श्रेणी ‘B’ में 18 सीटें हैं, जहां कांग्रेस ने पिछले चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन इस बार वहां कोशिश करना चाहती है।
- श्रेणी ‘C’ की 18 सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी की स्थिति कमजोर है लेकिन वह वहां भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहती है।
इसके अलावा 4 और सीटों पर भी विचार किया जा रहा है।
2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी थी और सिर्फ 19 सीटें जीत पाई थी। उस समय हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया गया था, क्योंकि उसे कई कमजोर सीटें दी गई थीं। इस बार कांग्रेस ऐसी गलती नहीं दोहराना चाहती। पार्टी उन सीटों पर फोकस कर रही है जहां जीत की ज्यादा संभावना है।
90 सीटों पर सर्वे
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस ने इन 90 सीटों को लेकर सर्वे भी कराया है और जिन उम्मीदवारों की जीतने की संभावना है, उन्हें ही टिकट देने की योजना है।
लेकिन यहां मुश्किल यह है कि राजद खुद 150 से ज्यादा सीटों पर दावा कर रही है, भाकपा माले 40-45 सीटों की मांग कर रही है और भाकपा भी 24 से अधिक सीटें चाहती है। ऐसे में कांग्रेस की 50–55 सीटों की उम्मीद महागठबंधन में तनाव बढ़ा सकती है।
उधर, एनडीए भी अपनी तैयारी में जुटा है। नीतीश कुमार, बीजेपी और चिराग पासवान ने चुनावी अभियान तेज कर दिए हैं। अब देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस जटिल गठबंधन को कैसे संभालते हैं और क्या कांग्रेस को उसकी उम्मीद के मुताबिक सीटें मिलती हैं या नहीं।