बॉलीवुड में ‘कैंप’ या गुटबाज़ी की अवधारणा लंबे समय से चर्चा का विषय रही है। इस धारणा के अनुसार, इंडस्ट्री में कुछ खास समूह या गुट होते हैं, जो अपने पसंदीदा कलाकारों और निर्माताओं के साथ मिलकर काम करते हैं और बाहरी लोगों को मौका देना पसंद नहीं करते। हालांकि, बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री काजोल ने हाल ही में इस धारणा को खारिज करते हुए इसे महज़ एक गलतफहमी बताया है। उनके अनुसार, यह तथाकथित ‘कैंप’ केवल लोगों के बीच आराम और विश्वास का स्तर है, न कि कोई सुनियोजित गुटबाज़ी।
कैंप की धारणा: मिथक या हक़ीक़त?
बॉलीवुड में कैंप की बात तब शुरू हुई जब कुछ कलाकारों, निर्देशकों और निर्माताओं को बार-बार एक साथ काम करते देखा गया। उदाहरण के लिए, कुछ बड़े बैनर जैसे यश राज फिल्म्स, धर्मा प्रोडक्शंस या विशेष निर्देशकों के साथ काम करने वाले कलाकारों को ‘कैंप’ का हिस्सा माना जाता है। इस धारणा ने कई नए कलाकारों और बाहरी लोगों के बीच यह विश्वास पैदा किया कि बॉलीवुड में प्रवेश करना और सफलता पाना आसान नहीं है, खासकर अगर आप किसी खास समूह का हिस्सा नहीं हैं।
हालांकि, काजोल का कहना है कि यह धारणा गलत है। एक हालिया साक्षात्कार में उन्होंने स्पष्ट किया कि बॉलीवुड में काम करने का आधार केवल पेशेवर रिश्ते और आपसी विश्वास है। उन्होंने कहा, “यह कैंप या गुटबाज़ी जैसा कुछ नहीं है। यह सिर्फ़ एक कम्फर्ट ज़ोन है, जहाँ लोग उन लोगों के साथ काम करना पसंद करते हैं जिनके साथ वे सहज हैं और जिन पर वे भरोसा करते हैं।”
Kajol का अनुभव और नज़रिया
काजोल, जिन्होंने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कभी ख़ुशी कभी ग़म’, और ‘माय नेम इज़ खान’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है, इंडस्ट्री में लगभग तीन दशकों से सक्रिय हैं। उनकी यह टिप्पणी उनके लंबे अनुभव और इंडस्ट्री की गहरी समझ को दर्शाती है। काजोल ने अपने करियर में कई बड़े बैनरों और निर्देशकों के साथ काम किया है, विशेष रूप से करण जौहर और आदित्य चोपड़ा जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ। फिर भी, उनका मानना है कि यह रिश्ता केवल विश्वास और सहजता पर आधारित है।