राजनाथ सिंह : चीन ने कहा है कि वह भारत के साथ सीमा विवाद सुलझाने और सीमा रेखा तय करने के लिए मिलकर काम करने को तैयार है। हालांकि उसने माना कि यह मामला काफी जटिल है और इसे सुलझाने में समय लगेगा। चीन की सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग के हवाले से कहा कि सीमा विवाद पर बातचीत के लिए दोनों देशों में कई स्तरों पर बैठकें होती रही हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पर शांति बनाए रखने, सीमा प्रबंधन और सहयोग को बढ़ाने के लिए चीन भारत के साथ मिलकर आगे काम करना चाहता है।
भारत ने सीमा निर्धारण और स्पष्ट परिसीमन पर दिया जोर
26 जून को एससीओ बैठक के दौरान भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को सीमा पर तनाव कम करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत-चीन सीमा को ठीक से तय करना जरूरी है, ताकि आगे कोई टकराव न हो। इसके लिए सीमांकन और परिसीमन जल्द पूरा करना होगा। साल 2020 में गलवां घाटी की झड़प के बाद रिश्ते खराब हुए थे। कोविड के समय सीधी उड़ानें बंद हो गई थीं, जो अब फिर से शुरू होने वाली हैं।
चीन-पाकिस्तान की नई चाल, सार्क की जगह नया संगठन
चीन एक तरफ भारत से रिश्ते ठीक करने की बात कर रहा है, लेकिन दूसरी ओर वह पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत को अलग करने की कोशिश कर रहा है। दोनों देश मिलकर सार्क दक्षेस की जगह एक नया क्षेत्रीय संगठन बनाना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन और पाकिस्तान के बीच इस पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है।
हाल ही में कुनमिंग में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की त्रिपक्षीय बैठक भी इसी से जुड़ी थी। भारत को इस संगठन में बुलाने की बात कही जा रही है, जबकि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मालदीव को भी इसमें जोड़ा जा सकता है।