MP बीजेपी में ‘बड़ा बदलाव’, हेमंत खंडेलवाल बनेंगे अध्यक्ष, पिता से मिली सियासत की पूरी कहानी

मध्य प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आखिरकार अपना नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल को इस जिम्मेदारी के लिए चुना गया है। उन्होंने 1 जुलाई 2025 को औपचारिक रूप से नामांकन दाखिल किया और बुधवार (2 जुलाई) को उनके नाम का आधिकारिक ऐलान हो गया। हेमंत खंडेलवाल को पार्टी का भरोसेमंद और अनुभवी चेहरा माना जाता है।

राजनीतिक विरासत से मिली ताकत

हेमंत खंडेलवाल की सियासत की जड़ें मजबूत हैं। उनके पिता विजय कुमार खंडेलवाल बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बैतूल से लंबे समय तक सांसद रहे। पिता के निधन के बाद हेमंत ने 2008 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा। उसी साल लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद बने। फिर साल 2013 में वह पहली बार बैतूल विधानसभा से विधायक चुने गए। साल 2023 में उन्होंने दोबारा इसी सीट से जीत हासिल की।

संगठन में मजबूत पकड़

हेमंत खंडेलवाल की छवि एक ईमानदार और साफ-सुथरे नेता की रही है। पार्टी में वे कोषाध्यक्ष और बैतूल जिला अध्यक्ष जैसे अहम पदों पर भी रह चुके हैं। संगठन की गहरी समझ और वर्षों का अनुभव उनके चयन की सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। माना जा रहा है कि उनके आने से बीजेपी को संगठनात्मक तौर पर और मज़बूती मिलेगी।

वीडी शर्मा का रिकॉर्ड कार्यकाल

हेमंत खंडेलवाल की ताजपोशी से पहले वीडी शर्मा मध्य प्रदेश बीजेपी के सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष बने रहे। वह 15 फरवरी 2020 को प्रदेश अध्यक्ष बने थे और पांच साल तक इस पद पर कायम रहे। जबकि नियम के अनुसार, तीन साल का कार्यकाल होता है, लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उन्हें एक्सटेंशन दिया गया। सुंदरलाल पटवा, कैलाश जोशी और नरेन्द्र सिंह तोमर जैसे बड़े नेता भी दो बार यह पद संभाल चुके हैं, मगर वीडी शर्मा ने एक ही पारी में यह लंबी पारी खेली।

नई जिम्मेदारी, नए संकेत

हेमंत खंडेलवाल की नियुक्ति पार्टी के भीतर संतुलन और संगठनात्मक मजबूती की ओर संकेत करती है। विधानसभा और लोकसभा दोनों में चुनाव जीत चुके खंडेलवाल से पार्टी को उम्मीद है कि वह राज्य में संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बिठा सकेंगे।